सामाजिक समरसता सम्मेलन में महाराजश्री बोले, सनातन धर्म में छोटे-बडे का कोई स्थान ही नहीं हैं
विविधता में एकता की विशेषता भारत को विश्व में सबसे खास बनाती है हर्ष मल्होत्रा
नई दिल्लीःलाजपत नगर एफ ब्लॉक स्थित प्राचीन नवदुर्गा मंदिर में सोमवार को सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर सामाजिक समरसता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व विशिष्ट अतिथि केंद्रीय सडंक व परिवहन व कॉरपोरेट राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा रहे। अध्यक्षता महंत सतीश दास महाराज ने की। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हिंदू सनातन धर्म का आधार ही सामाजिक समानता है। सनातन धर्म में छोटे-बडे का कोई स्थान ही नहीं हैं क्योंकि यह धर्म सबको ही एक समान मानता है। वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना के साथ यह पूरा विश्व एक परिवार ही है और हम सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। यही कारण है कि हम सदैव विश्व कल्याण की कामना ही करते हैं। हमारे रास्ते भले ही अलग-अलग हों, मगर सबका एक ही लक्ष्य पूरे विश्व व पूरी मानवता का कल्याण करना वएक ही मंजिल उस सर्वशक्तिमान को प्राप्त कर अपने मानव जीवन को सार्थक बनाना है।
विशिष्ट अतिथि केंद्रीय सडंक व परिवहन व कॉरपोरेट राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि भारत की विशेषता विविधता में एकता का परिचायक है। हमारे देश में कई संस्कृति, भाषा, विचारधारा, धर्म, संप्रदाय, वर्ग हैं फिर भी हम सब एक हैं। हमारी यह विविधता में एकता ही हमें सबसे खास बनाती है। प्राचीन भगवान वाल्मीकि मंदिर मंदिर मार्ग नई दिल्ली के महामंडलेश्वर कृष्ण शाह विद्यार्थी ने कहा कि सनातन धर्म तो शुरू से ही सामाजिक समरसता का संदेश देता आया है। विश्व हिंदू महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्योतिषाचार्स डॉ राजेश ओझा ने कहा कि सामाजिक समरसता शांति व सदभावना का तो प्रतीक है ही साथ ही यह समाज, देश व विश्व कल्याण के मार्ग का द्वार भी खोलता है। सम्मेलन के अध्यक्ष महंत सतीश दास महाराज ने कहा कि सामाजिक समरसता से ही मजबूत समाज व राष्ट्र का निर्माण होता है। सामाजिक एकता का अर्थ है कि हम जाति धर्म वर्ण से ऊपर उठकर एक साथ रहें। राजमाता मंदिर झंडेवालन शाहदरा दिल्ली के महंत स्वामी राजेश्वरानंद महाराज ने कहा कि सामाजिक समरसता से ही समाज में व्यापत अमीर’गरीब, उंच-नीच के भेदभाव को खत्म किया जा सकता है और इस कार्य में संत अहम भूमिका निभा सकते हैं। 108 फुट श्री संकट मोचन धाम करोल बाग नई दिल्ली के महंत सूरज गिरि महाराज, प्राचीन वाल्मीकि मंदिर पटेल नगर के महंत योगी उमेश पुरी महाराज, श्रीधाम अयोध्या के पं. हरिवंश तिवारी, मानस प्रवक्ता पं. गिरीश शास्त्री व रब्बी इजीकोल इसहाक मालेकर आदि भी मौजूद रहे।
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