सोमवार, 23 दिसंबर 2024

ज्योतिष एवं वास्तु सेमिनार के दूसरे दिन समाजसेवी अनिल गर्गव राम अवतार जिदंल को किया सम्मानित

 



                             मुकेश गुप्ता

550 से अधिक जिज्ञासुओं ने पाया अपनी समस्या का समाधान

गाजियाबाद । शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र के तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय राष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु सेमिनार आज संपन्न हो गया। सेमिनार के दूसरे दिन दोपहर तक विद्वानों के द्वारा ज्योतिष, वास्तु, रेकी टैरो कार्ड ,लाल किताब ,अंक विज्ञान आदि के विषय में चर्चा की गई और अपने विचार रखें ।इन विषयों में उनके शोध से जो जानकारियां दी गई वे बहुत ही जनोपयोगी थी।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी  राजेश बंसल ने की। 

विशिष्ट अतिथियों की श्रेणी में  राम अवतार जिंदल, अनिल गर्ग , पंडित वी के हनुमान , राष्ट्रीय लोकदल प्रदेश महासचिव  रविंद्र चौहान, राष्ट्रीय प्रवक्ता  इंद्रजीत सिंह  टीटू  संदीप भंडारी,  राकेश गर्ग, बृज किशोर बृजवासी, दुलीदत्त कौशिक, दिनेश शर्मा,  योगेश शर्मा,  राम कश्यप, श्रवण कुमार शर्मा, अंकित  शर्मा, प्रियांश शर्मा मंयक वशिष्ठ आदि गणमान्य व्यक्ति थे।

शिव शंकर ज्योतिष वास्तु अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा ने बताया कि भोजन की पश्चात विभिन्न स्टालों पर बैठे हुए भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए ज्योतिषाचार्यो ,वास्तु कंसलटेंट, रैकी, लाल किताब के विद्वानों द्वारा समस्याओं का निःशुल्क समाधान किया गया। 

लगभग 600 से अधिक जिज्ञासुओं को अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान मिला।

सेमिनार की आयोजन समिति के महामंत्री श्री अजय कुमार जैन ने बताया कि इस वर्ष यह राष्ट्रीय सेमिनार बहुत ही अद्वितीय रहा। बाहर से आए सभी विद्वानों और जिज्ञासुओं ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की। 

कार्यक्रम का कुशल संचालन  आयोजन समिति के  संयोजक डा. सतीश भारद्वाज  एडवोकेट ने कि

सेमिनार के बारे में कुछ विशेष तथ्य

विद्वानों जिज्ञासु और नगर के नागरिकों के द्वारा फिर फीडबैक से ज्ञात हुआ कि 

1.दोनों दिनों के कार्यक्रमों में एक विशेषता यह रही कि यह कार्यक्रम गाजियाबाद जिले का ही नहीं बल्कि भारतवर्ष  सबसे बड़ा ज्योतिष सम्मेलन था।

2.दोनों  दिन प्रातःकाल 11:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक सेमिनार सभागार श्रोताओं से खचाखच भरा रहा।

3. भारतवर्ष से आए विद्वानों की आवास, जलपान ,भोजन की व्यवस्था बिल्कुल निःशुल्क रही। 

4. सेमिनार मे आगंतुक सभी विद्वानों और जिज्ञासाओं की व्यवस्था बिल्कुल निःशुल्क थी।

5. सभी ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की और आयोजन समिति के सदस्यों को बेहतर आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें