मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

कृष्ण लीला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, यह हमें सत्य धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है--निधि गौड


मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद ।  शनिवार को जेकेजी इंटरनेशनल स्कूल, इंदिरापुरम के सभागार में विद्यालय के कक्षा-3 की वार्षिक कक्षा प्रस्तुति का कार्यक्रम “श्री कृष्ण लीला: प्रेम और धर्म की गाथा” आयोजित किया गया, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का प्रभावशाली मंचन किया गया। इस अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों को भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल से लेकर उनके कंस के साथ संघर्ष तक की कथा से अभिभूत कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के चेयरमेन  जे. के. गौड़, डायरेक्टर  वरूण गौड, प्रधानाचार्या श्रीमती निधि गौड द्वारा दीप प्रज्वलन व गणेश वंदना से हुआ। 

कार्यक्रम की शुरुआत नारद मुनि की पृष्ठभूमि कथा से हुई, जिसमें उन्होंने भगवान विष्णु के अवतार के महत्व को स्पष्ट किया। इसके बाद, मनमोहक कृष्ण नृत्य, देवकी और वसुदेव का विवाह, कंस द्वारा उन्हें कारावास में डालना, उनके आठवें पुत्र के जन्म और गोकुल में नंद बाबा के पुत्र के साथ उनके अदला-बदली के दृश्यों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके पश्चात श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की बाल लीला और कालिया नाग पर विजय को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का चरम बिंदु कंस और श्रीकृष्ण के बीच हुए संघर्ष का मंचन था, जिसने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। कार्यक्रम का समापन भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान करते हुए किया गया। अभिभावकों ने  बच्चों की अदभुत प्रस्तुति के लिए भरपूर सराहना की। कार्यक्रम में प्रधानाचार्या श्रीमती निधि गौड ने अपने उद्बोधन में कहा, “कृष्ण लीला न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमें सत्य धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है।" ऐसे आयोजन हमारे बच्चों में हमारी संस्कृति के प्रति प्रेम और समझ को बढ़ावा देते हैं।" उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के कठिन परिश्रम की प्रशंसा की।



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