मुकेश गुप्ता
भरत ने मां कैकेई को सुनाई खरी खोटी भाई राम की खड़ाऊं लेकर वापस लौटे भरत
गाजियाबाद। राजनगर में चल रही रामलीला में जैसे जैसे श्री रामायण के प्रसंग आगे बढ़ रहें हैं , वैसे वैसे दर्शकों की भीड़ भी बढ़ने लगी है। एक ओर भव्य हाइटेक रामलीला का मंचन और दूसरी ओर मेले की बेहतरीन व्यवस्था लोगों को आकर्षित कर रही है।
रामलीला मंचन के दौरान रात्रि में अयोध्यावासियों तथा मंत्री सुमंत के सोने के पश्चात् श्री राम , भाई लक्ष्मण तथा पत्नी सीता के साथ सरयू नदी पार कर जाते हैं। नदी पार करने के लिए जब वह नाव में प्रवेश करना चाहते हैं तो केवट पहले उनके चरण धोने की बात करता है। वह कहता है कि आपके पांव के स्पर्श से पत्थर बनी अहिल्या जैसे उड़ गई थी कहीं वैसे ही मेरी नाव न उड़ जाए। मेरी नाव तो लकड़ी की बहुत हल्की है। उसके ऐसा कहने पर राम पांव धुलाने को तैयार हो जाते हैं। तब वह बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ उनके पांवों को पखारता है। इस दौरान फिर श्री राम और केवट दोनों के बीच लम्बा संवाद होता हैं। नदी पार उतरने के बाद उतराई के रुप में वह केवट को अपनी मुद्रिका देते हैं, जिसे वह लेने से इंकार कर देता है। केवट कहता है कि जब भगवन आपके पास मैं आंऊ तो मुझे भी भवसागर से पार करा देना। तब भगवान राम उसे अविरल भक्ति का वरदान देकर आगे बढ़ जाते हैं।
दूसरी ओर राजा दशरथ को होश में आने पर जब पता चलता हैं कि राम लक्ष्मण और सीता वन की ओर प्रस्थान कर गए हैं तो पुत्र वियोग में उनके प्राण पखेरु उड़ जाते हैं। मरने से पूर्व वह रानी कौशल्या को श्रवण और उसके माता पिता की घटना को विस्तार से बताते है। राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात् अयोध्या नगरी में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ हैं। राजा की मृत्यु के बाद राजकुमार भरत को तत्काल उनकी ननिहाल से बुलाया जाता हैं। अयोध्या वापस लौटने पर जब भरत को सारी स्थितियों का पता चलता हैं तो वह अपनी माता कैकेयी को काफी खरी खोटी सुनाते हैं। पिता का दाह संस्कार करने के बाद वह गुरु, मंत्री, तीनों माताओं व अन्य दरबारियों के साथ चित्रकूट के वन में श्री राम से मिलने पहुॅचते हैं और वापस अयोध्या लौटने का आग्रह करते हैं। राम द्वारा मना करने पर वह भारी मन से राम जी की चरण पादुका सिर पर धारण करके वापस अयोध्या लौटते हैं। राजा दशरथ, राम, लक्ष्मण तथा भरत की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा सभी ओर रही। रामलीला मंचन के दौरान । अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता, लोहा व्यापार मंडल की ओर से अतुल जैन, सुबोध गुप्ता, शिक्षाविद आलोक गर्ग एवं सुनील त्यागी, विवेक मित्तल आदि को समिति की ओर से सम्मानित किया गया। इस मौके पर समिति के संरक्षक और संस्थापक सदस्य जितेन्द्र यादव, अध्यक्ष जयकुमार गुप्ता, महामंत्री आर एन पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राजीव मोहन गुप्ता, मुख्य संयोजक राकेश मिश्रा,मेला प्रबंधक एस एन अग्रवाल,संगठन मंत्री विनीत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा एवं जी पी अग्रवाल , ऑडिटर दीपक मित्तल , स्वागताध्यक्ष के.पी .गुप्ता, अमरीश त्यागी, उपाध्यक्ष आर.के.शर्मा, मंत्री मुकेश मित्तल, राजीव गुप्ता, प्रचार मंत्री रेखा अग्रवाल एवं सौरभ गर्ग, मोतीलाल गर्ग, अनिल कुमार, मदन लाल हरित, गोल्डी सहगल, आलोक मित्तल, ओमप्रकाश भोला, विजय लुम्बा, सहित राजनगर के कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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