शुक्रवार, 18 अक्तूबर 2024

करवाचौथ का पर्व रविवार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगाः आचार्य दीपक तेजस्वी

 

मुकेश गुप्ता

भद्रा के चलते सूर्योदय से पहले स्नान कर व सरगी ग्रहण कर व्रत का संकल्प ले लें

गाजियाबादःआचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि करवा चौथ पर्व का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए व्रत रखती है। इस बार करवाचौथ का पर्व रविवार 20 अक्टूबर को है। इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया भी मंडरा रहा है। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि करवाचौथ पर्व पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करने के साथ ही साथ निर्जला व्रत रखती हैं। ये उपवास शाम में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पानी पीकर खोला जाता है। बिना चांद देखें व्रत पूरा नहीं माना जाता है। इस साल करवा चौथ का पर्व रविवार 20 अक्टूबर को है, जिस पर भद्रा का साया भी मंडरा रहा है। करवा चौथ का व्रत शुरू करने से पहले सरगी चााई जाती है। सरगी हमेशा ब्रहम मुहूर्त यानि सुबह 4 से 5 बजे के बीच खानी चाहिए। करवाचौथ पर भद्रा का समय प्रातः 06 बजकर 25 मिनट से प्रातः 06 बजकर 46 तक भद्रा काल रहेगा। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें। ऐसे में भद्रा काल के शुरू होने से पहले ही व्रत का आरंभ हो जाएगा। करवा चौथ के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रविवार की सांय 5 बजकर 46 मिनट से सांय 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।

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