गुरुवार, 5 सितंबर 2024

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने ज्ञानपीठ में किया शिक्षक सम्मान समारोह” का आयोजन


मुकेश गुप्ता

   गाजियाबाद । लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में भारत के द्वितीय राष्ट्रपति, शिक्षाविद, विलक्षण प्रतिभा के धनी मूर्धन्य लेखक, भारत रत्न, महान दार्शनिक डा0 राधाकृष्णन के जन्म दिन के अवसर पर ‘शिक्षक सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 विशन लाल गौड़ ने किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद, विद्वान शिक्षक कैलाश चन्द्र रहे, मुख्य वक्ता राम दुलार यादव संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष भी समारोह में शामिल रहे।

 आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव और सञ्चालन श्रमिक नेता अनिल मिश्र ने किया, कार्यक्रम में शामिल विद्वानों, शिक्षकों और सैकड़ों साथियों ने डा0 राधाकृष्णन के सम्मान में जोरदार नारे लगा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किया, समारोह में 16 शिक्षकों, शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया, शाल और लोई भेंटकर उनका माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया गया, तथा आग्रह किया गया कि समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए प्रचार-प्रसार में अपना अमूल्य योगदान देंगे, राजेन्द्र सिंह और हुकुम सिंह ने गीत प्रस्तुत कर सभी को आत्मविभोर कर दिया, कार्यक्रम को जयनारायण शर्मा, डा0 पी0 के0 सिंह, एस0 एस0 प्रसाद, एच0 एल0 विद्यार्थी, सी0 बी0 मौर्य, अर्जुन सिंह यादव, राम प्यारे यादव, के0 सी0 शास्त्री ने भी संबोधित किया।

मुख्य अतिथि ने राधाकृष्णन को स्मरण कर नमन करते हुए कहा कि हमारे देश के गुरुओं ने मानव समाज को अन्धकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य किया, लगातार मनीषियों ने मिलजुल कर रहने, सभी को समान समझने की प्रेरणा दी, हमें गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए, जिन्होंने हमें वह मार्ग दिखाया जो देश और समाज को नई ऊंचाई पर ले जायेगा।       

शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 राधाकृष्णन प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक, भारत रत्न और सभी धर्मों का सम्मान करने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी, सत्य के उपासक, भारत के द्वितीय राष्ट्रपति रहे, उनका मानना था कि भारतीय संस्कृति, धर्म, ज्ञान, सत्य और अहिंसा पर आधारित है, जो मानव को जीने का सच्चा सन्देश देती है, वह सादगी पूर्ण जीवन के प्रबल पक्षधर, जरूरतमंद की मदद करने की प्रेरणा देते है, गरीब से गरीब आदमी को सच्चा ज्ञान सुलभ हो, उनके मन में यह भाव हमेशा रहते थे, वह छात्र, छात्राओं को, उच्च नैतिक मूल्यों को अपने आचरण में उतारने की प्रेरणा देते थे, वह विश्व में शांति स्थापित हो, प्रयासरत रहे, उनका मानना था कि मानव जाति की उन्नति ओर मुक्ति संभव तभी है जब समाज और विश्व में समता, समानता और शांति स्थापित हो, वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और आन्ध्रा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर रहे, वह दिल्ली विश्वविद्यालय के भी वाइस चांसलर रहे, उनका कहना था कि “शिक्षक समाज के शिल्पकार होते है, जो बिना किसी लालच के समाज को नैतिक मूल्यों से अवगत कराते है, शिक्षा मानव व समाज का सबसे बड़ा आधार है”| लेकिन आज 21वीं सदी में आजादी के 76 वर्ष बाद भी देश में वैचारिक संकट है, छात्र, नवजवान दिशाविहीन है, उनमे आत्म हत्या की प्रवृति बढ़ रही है, महिलाओं के साथ अनाचार की घटनाएँ हर प्रदेश में बढ़ रही है, नफ़रत, असहिष्णुता का वातावरण बनाया जा रहा है, अधिनायकवादी, विभाजनकारी ताकतें अहंकार में समाज के ताने-बाने को कमजोर कर रही है, विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट में भारत 143 देशों में 126वें स्थान पर है, भ्रष्टाचार में कुछ ही देशों से पीछे है, गरीब, गरीब और अमीर की पूंजी आसमान छू रही है, यदि हम राधाकृष्णन के सपनों का भारत बनाना चाहते है तो उपरोक्त वैचारिक संकट को मिटा, समता, समानता का वातावरण बनाना होगा।

 शिक्षक, शिक्षिकाओं को समाज सेविका फूलमती यादव, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, अन्नू यादव ने शाल, लोई ओढा, माल्यार्पण कर सम्मानित किया, प्रमुख रहे, के0 सी0 शास्त्री, गरिमा, नयना यादव, श्रीमती सुदेश चौहान, एस0 एस0 प्रसाद, डा0 विशन लाल गौड़, पी0 के0 सिंह, कैलाश चन्द्र, विमलेश कुमारी, मेघा, नीलम अरोड़ा, कु0 तन्नु, सूरजभान यादव, अनिल मिश्र, हुकुम सिंह, सी0 पी0 सिंह, डा0 देवकर्ण चौहान, ब्रह्म प्रकाश, विश्वनाथ, मुनीव यादव, ओम प्रकाश अरोड़ा, विनोद त्रिपाठी, ईश्वरचंद, राजपाल यादव, सम्राट सिंह, अयांश यादव, विजय मिश्र, एस0 एन0 जायसवाल, एस0 एन0 अवस्थी, महेन्द्र यादव, राम यादव, परमानन्द योगी सहित सैकड़ों विद्वानों ने डा0 राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।


                                                                                                                                          


                                                                                                                                      

                                                                                                                                      

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