गुरुवार, 12 सितंबर 2024

दूधेश्वर नाथ मंदिर में आयोजित श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव के छठे दिन भगवान गणेश के छठें अवतार लंबोदर की पूजाण्अर्चना हुई

 


मुकेश गुप्ता

भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से जीवन में हमेशा शुभता रहती हैः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, महामंडलेश्वर कंचन गिरी महाराज व  श्रीमहंत धीरेंद्र पुरी महाराज ने भगवान गणेश की पूजा.अर्चना की 

गाजियाबादःसिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में आयोजित 11 दिवसीय श्री दूधेश्वर गणपति लडडू महोत्सव के छठे दिन भगवान गणेश के छठे अवतार लंबोदर की पूजा.अर्चना हुई। पूजा.अर्चना करने के लिए शहर भर से भक्त आए। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरी महाराज, कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धीरेंद्र पुरी महाराज ने भी भगवान गणेश की पूजा.अर्चना की। वे भगवान की आरती में भी शामिल हुए। श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के प्रधानाचार्य तयौराज उपाध्यायए नित्यानंद आचार्य, आचार्य रोहित त्रिपाठी सामवेदी व आचार्य अनिल पाढी ने दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरी महाराज, कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धीरेंद्र पुरी महाराज, हर्ष मित्तल व उनकी पत्नी को पूजा-अर्चना कराई। दिल्ली संत महामंडल के महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज, संगठन मंत्री महामंडलेश्वर कंचन गिरी महाराज, कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धीरेंद्र पुरी महाराज का मंदिर में स्वागत-अभिनंदन किया गया। भगवान गणेश के सहस्र नामों की पूजा-अर्चना की गई। गणेश स्तुति व गणेश चालीसा का पाठ किया गया। 

भगवान गणेश को आरती के बाद मोदक व लडडू का भोग लगाया गया। श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि एक बार क्रोधासुर नामक राक्षस ने सूर्यदेव की तपस्या की। तपस्या से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने क्रोधासुर को ब्रह्मांड पर विजय पाने का वरदान दे दिया। क्रोधासुर को मिले वरदान से सभी देवी-देवता भयभीत हो गए। उन्होंने भगवान गणेश का आह्वान किया। देवताओं की प्रार्थना पर भगवान गणेश ने लंबोदर का अवतार लिया और क्रोधासुर को रोक लिया और समझाया कि ब्रह्मांड पर कभी भी विजय प्राप्त नहीं कर सकते और ना ही अजेय योद्धा हो सकते हो। इस पर क्रोधासुर ने अपना ब्रहमांड पर विजय पाने का अभियान रोक दिया और हमेशा के लिए पाताल लोक में चला गया। महाराजश्री ने कहा कि भगवान गणेश के लंबोदर अवतार से यह शिक्षा भी प्राप्त होती है कि परिस्थिति कैसी भी अपना धैर्य नहीं खोना चाहिए और अपनी बुद्वि से परिस्थिति पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। लंबोदर ने क्रोधासुर पर अपनी ताकत से नहीं बुद्धि से विजय प्राप्त की। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से जीवन में शुभ ही शुभ रहता है। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि रात्रि में आरती के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। 17 सितंबर को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना कर शोभा-यात्रा निकाली जाएगी और गणेश प्रतिमा का मुरादनग गंग नहर स्थित श्री दूधेश्वर घाट पर विसर्जन किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें