मंगलवार, 27 अगस्त 2024

संतान सुख के लिए की जाती है गोगा देव की पूजाः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

              
गोगादेव की पूजा करने से सर्प के डसने का भय नहीं रहता है

गाजियाबादःश्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि हर वर्ष भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को श्री गोगा नवमी का पर्व मनाया जाता है। आज भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, इसी कारण गोगा नवमी का पर्व आज है। गोगा नवमी राजस्थान का लोकप्रिय पर्व है। वैसे यह पर्व पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ में भी मनाया जाता है। गोगा देव की पूजा श्रावणी पूर्णिमा से शुरू हो जाती है और पूरे 9 दिनों तक यह पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही नवमी तिथि तक गोगा देव की पूजा की जाती है। इसी कारण इसे गोगा नवमी कहा जाता है। इन्हें जाहरवीर  के नाम से भी जाना जाता है। इनकी पूजा संतान सुख के लिए होती है। गोगादेव की पूजा से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। गोगादेव के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी। इनकी पूजा से सर्प के डसने का भय नहीं रहता है। इन्हें गुरु गोरखनाथ का परम शिष्य माना जाता है। गोगादेव से जुड़ी अनेक कथाएं राजस्थान में प्रचलित हैं, जिनके अनुसार, गोगादेवजी विक्रम संवत 1003 में चौहान राजवंश में हुआ था। गोगादेव के पिता ठाकुर जेवरसिंह और माता बाछल कंवर था। गोगादेव को गोगाजी, गुग्गा वीर, जाहर वीर आदि नामों से ाी जाना जाता है। हर साल गोगा नवमी पर राजस्थान के गोगामेढ़ी में मेला लगता हैए जहां सभी धर्म के लोग गोगादेव की पूजा करते हैं।

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