मंगलवार, 27 अगस्त 2024

ज्ञानपीठ में धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन

                        मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद/साहिबाबाद । उदयांचल यदुवंश कल्याण समिति गाजियाबाद द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में सोमवार को जन्माष्टमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, समारोह की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने की। लोक गायिका भानुश्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, कार्यक्रम को संरक्षक एस0 एस0 प्रसाद, डा0 संजय यादव, किशनपाल, कृष्णा यादव, संगठन मंत्री धर्मेन्द्र यादव ने भी संबोधित किया, बच्चों ने गीत, नृत्य, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को आत्मविभोर कर दिया, कार्यक्रम के अंत में बच्चों को पुरस्कार स्वरुप स्कूल बैग दिया गया, शेषराम यादव ने भगवान कृष्ण की आरती कर समाज सेविका फूलमती यादव से आरती भेंट करवाई, भगवान कृष्ण का गुणगान कर सभी कृतार्थ हुए, सभी ने भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। गणेश, शालू, चिराग, कृष, आयुष, आराध्या, रिया, प्रिया, ब्यूटी, दिव्या, रूचि, प्रांजल, अनमोल, सान्वी, प्रिन्सु, विराट उत्कर्ष, उदय, श्रेयांश, अवनी, अंशु ने समारोह में नृत्य और संगीत प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राम दुलार यादव ने कहा कि भगवान कृष्ण भारत में ही नहीं पूरे  विश्व में अपनी विलक्षण प्रतिभा के लिए जाने जाते है, वह कुशल राजनीतिज्ञ, कूटनीतिज्ञ, बहुआयामी गुणों से ओत-प्रोत है, उन्होंने अन्याय, अत्याचार, अनाचार, शोषण के विरुद्ध लगातार जीवन भर संघर्ष किया, और राज सत्ता को पराजित कर न्याय का मार्ग प्रशस्त किया, इन्द्रदेव के अहंकार का विनाश कर प्रकृति की पूजा की, वह आडम्बर, पाखंड का घोर विरोध कर सज्जनों के पक्ष में दुर्जनों का विनाश किया, आम जनता के अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा की, 

उन्होंने भाग्य के विपरीत सकारात्मक कार्य पर जोर दिया, तथा मानवता के लिए लोगों को प्रेरित किया, भगवान कृष्ण ने 5 हजार से ज्यादा वर्ष पहले नारी शक्ति को सम्मान दिया, वह प्रेम, ज्ञान, भक्ति का सन्देश समाज को देकर मोह, भ्रम और अन्धकार को दूर करने की प्रेरणा दी, भगवन कृष्ण के विचार मानव जाति के लिए आज भी प्रासंगिक हैं, इस अवसर पर सभी भाई, बहनों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी गयी। कार्यक्रम में श्रीनिवास, विश्वनाथ, कृष्णानंद यादव, अजीत यादव, डा0 रमोद यादव, डा0 प्रमोद यादव, शेष राम, शिव दरश, महेन्द्र यादव, ठाकुर प्रसाद आदि शामिल रहे, सञ्चालन भानु प्रकाश, विनोद यादव ने किया।


                                                                                        


                                                         

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