नोएडा । एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कुल जीडीपी का 30 प्रतिशत योगदान एमएसएमई सेक्टर दे रहा है। देश के निर्यात में एमएसएमई की 40 प्रतिशत भागीदारी है, जबकि 16 करोड़ लोगों को इस सेक्टर से रोजगार मिल रहा है। लेकिन चिंता की बात यह है कि देश में 6. 5 करोड़ एमएसएमई में से केवल 3.5 करोड़ ही बैंकों से क्रेडिट ले रहे हैं। इस बड़े अंतर को दूर करने और एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बैंकिंग सेक्टर काम कर रहा है। सेक्टर 62 स्थित नेशनल ओपन स्कूल के सभागार में केनरा बैंक एवं एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के संयुक्त तत्वाधान में एमएसएमई आउटरीच प्रोग्राम को संबोधित करते हुए केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक अशोक चंद्रा ने यह बातें कहीं।उन्होंने कहां की आज की परिस्थितियों में युवा सोच अगर आपके साथ जुड़ी हैं तो आपका आगे बढ़ना तय है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि केनरा बैंक के 84000 कर्मचारियों में 71 प्रतिशत 35 वर्ष से कम उम्र के युवा हैं। वित्तीय वर्ष 2024- 25 की पहली तिमाही में 23 लाख करोड रुपए से ज्यादा का बिजनेस केनरा बैंक ने किया है। जिसमें 3900 करोड़ प्रॉफिट दर्ज किया गया है । बैंक ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं उपलब्ध कराई हैं। इन्हीं योजनाओं से उद्यमियों को अवगत कराने के लिए पूरे देश भर में एमएसएमई आउटरिच प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा करता है। यह सेक्टर विभिन्न उद्योगों में कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों के लिए रोजगार प्रदान करता है, जिससे बेरोजगारी दर में कमी आती है। साथ ही, आर्थिक विकास में इस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन के लिए बैंकिंग सेक्टर को मजबूत होने की जरूरत है। उन्होंने सेक्टर 9 एवम् सेक्टर दश के उद्योगों की सहूलियत के लिए सेक्टर 10 में बैंक की नई ब्रांच खोलने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा की सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन बैंकिंग सेक्टर के सहयोग के बिना उद्योगों के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उद्योगों के विकास में बैंकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। आज देशभर में अनेक लघु और सूक्ष्म उद्योग ऐसे हैं, जो बैंकों के सहयोग के चलते ही उन्नति की राह पर अग्रसर हैं। एमएसएमई सेक्टर के लिए चलाई जा रही तमाम बैंकिंग योजनाओं से साबित होता है देश के प्रधानमंत्री अंतिम पंक्ति तक सरकारी बैंकों की योजनाओं को पहुंचाना चाहते हैं। बैंकों में वह शक्ति है जो बंद पड़े उद्योग को अपने सहयोग से ऑक्सीजन देने का काम कर सकते है। केनरा बैंक दिल्ली सर्किल के चीफ जनरल मैनेजर राजेश कुमार सिंह ने कहा कि केनरा बैंक द्वारा आयोजित एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) आउटरीच प्रोग्राम एक ऐसा कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और उनके व्यवसाय के विकास में मदद करना है। इस कार्यक्रम के तहत, बैंक एमएसएमई को विभिन्न प्रकार के ऋण, सब्सिडी और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि हम ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध हैं और केनरा बैंक ईमानदारी से काम करता है ! उद्यमियों के हित में ही नहीं बल्कि उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी बैंक की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे उनके जीवन को भी संवारा जा सके। एमएसएमई डेवलपमेंट एंड फैसिलिटेशन दिल्ली के संयुक्त निदेशक आरके भारती ने कहा कि उद्योगों से ही देश का आर्थिक विकास संभव है। जिस देश में जहां एमएसएमई सेक्टर मजबूत होगा उसके विकास की संभावनाएं उतनी ही ज्यादा होगी। एमएसएमई महिलाओं, युवाओं, और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उन्हें स्वरोजगार और उद्यमिता के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करते हैं।
उद्योगपति नवीन अग्रवाल ने कहा कि एक उद्यमी के साथ प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 500 परिवार जुड़े होते हैं। ऐसे में औद्योगिक विकास के लिए बैंकिंग सेक्टर को कंधे से कंधा मिलाकर चलने की जरूरत है। बैंकिंग नीतियों में सुधार लाने की भी जरूरत है। केनरा बैंक लोगों को अच्छी सेवाएं दे रहा है। इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाना चाहिए। इस दौरान उद्यमियों के लिए चलाई जा रहीं केनरा बैंक की योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में डीडीआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह, एसोसिएशन के नोएडा अध्यक्ष शिवकुमार राणा, यमुना प्राधिकरण अध्यक्ष रमेश राठौर,ग्रेटर नोएडा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष दया राम शर्मा, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष रीना राणा,मंत्री आकांक्षा चुग, पीडी शर्मा, समीर सेठ,दिलशाद,असलम खान,शहजाद,भूपेंद्र बिष्ट,गणेश बिष्ट,अशोक शर्मा,सी ए आशीष गुप्ता,सी ए पंकज मिश्रा,सुबोध कुमार आदि सैंकड़ों उद्यमी मौजूद रहे।
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