गुरुवार, 1 अगस्त 2024

श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में त्रयोदशी का जल 2 अगस्त की अपरान्ह 3 बजकर 26 मिनट तक चढेगा, -- श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

  

मुकेश गुप्ता

उसके बाद सावन शिवरात्रि का जल चढना शुरू हो जाएगा

महाराजश्री ने शिवभक्तों से कहा, कांवडियों की भीड को देखते हुए 3 अगस्त को प्रातः 4 बजे से जलाभिषेक करेंगे तो पूजा-दर्शन आसानी से होंगे 

गाजियाबादः सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में त्रयोदशी का जलाभिषेक आज सांय 4 बजे से शुरू हो जाएगा। जलाभिषेक को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।  श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है,  सावन के प्रदोष व्रत का महत्व अलग होता है। आज सावन माह का पहला प्रदोष व्रत है और गुरूवार का दिन भी है इससे इसका महत्व और भी बढ गया है। गुरूवार का दिन भगवान विष्णु, गुरू यानि ब्रहस्पति का दिन माना जाता है। ऐसे आज व्रत रखने व पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव व भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होगी। त्रयोदशी का जल आज सांय 4 बजे से चढना शुरू होगा और शुक्रवार को अपरान्ह 3 बजकर 26 मिनट तक चढेगा। उसके बाद चतुर्दशी यानि सावन शिवरात्रि का जल चढेगा, जो शनिवार की अपरान्ह 3 बजकर 50 मिनट तक चढेगा। सावन शिवरात्रि का जल चढाने के लिए मंदिर में लाखों कांवडिएं पहुचेंगे। महाराजश्री ने शिवभक्तों से अपील की कि सावन शिवरात्रि का जल शनिवार 3 अगस्त को भी अपरान्ह 3 बजकर 50 मिनट तक चढेगा, अतः वे जलाभिषेक करने के लिए 3 अगस्त की प्रातः 4 बजे से आएं तो ज्यादा सुविधाजनक रहेगा। कावंडियों के बीच में जलाभिषेक करने के लिए उन्हें काफी इंतजार करना पड सकता है, जिससे उन्हें असुविधा हो सकती है। अतः वे शनिवार 3 अगस्त को प्रातः 4 बजे से जलाभिषेक करने के लिए आएंगे तो पूजा व दर्शन करने में आसानी रहेगी। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया कि त्रयोदशी का जलाभिषेक आज सांय 4 बजे से शुरू हो जाने के कारण मंदिर के कपाट अब 48 घंटे खुले रहेंगे। इस दौरान कांवडिएं आसानी से जलाभिषेक कर सकते हैं। प्रातः 3 बजे से 4 बजे तक भगवान की आरती होगी व भोग लगेगी, उसके बाद 4.30 बजे से मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा। इसी प्रकार रात्रि में 7.30 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक श्रृंगार, आरती व भोग के लिए मंदिर बंद रहेगा। इसके अलावा मंदिर 48 घंटे निरंतर खुला रहेगा। 2 अगस्त कोआठ प्रहर की पूजा-अर्चना भी होगी। पूजा-अर्चना 2 घंटे की होती है और 1 घंटे का विश्राम होता है। आठ प्रहर की पूजा-अर्चना 2 अगस्त को प्रातः 4 बजे से शुरू हो जाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें