मुकेश गुप्ता
गाजियाबाद । ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में देश की स्वतंत्रता के लिए प्राणों की शहादत देने वाले क्रन्तिकारी शहीद चंद्रशेषर आजाद के जन्म दिवस समारोह का आयोजन समाजवादी चिन्तक, शिक्षाविद राम दुलार यादव के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ट समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश सिंह ने किया, मुख्य अतिथि कैलाशचन्द्र शिक्षाविद रहे, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, सञ्चालन अनिल मिश्र श्रमिक नेता ने किया, कार्यक्रम में हुकुम सिंह ने देश-प्रेम का गीत सुना, श्रोताओं को आत्म-विभोर कर दिया, कैलाश चन्द्र, अवधेश सिंह, अंशु ठाकुर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया, सभी साथियों ने शहीद चन्द्रशेषर आजाद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर, उन्हें स्मरण कर, शहादत को सलाम किया, शहीद के सम्मान में जोरदार नारे लगाये गये, लोगों में जोश भर गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी चन्तक, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि बाल्यकाल से चन्द्रशेषर के मन में देश, गाँव, गरीब, किसान, मजदूर के प्रति प्रेम और भाईचारा की भावना थी, देश को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने, शोषण, अन्याय, अत्याचार, पाखंड, रुढ़िवाद को जड़ से ख़त्म करने के लिए उन्होंने भील बालकों से तीर चलाना सीखा, वह उन लोगों से अपार प्रेम करते थे, वह अचूक निशानेबाज बन गये, और क्रांतिकारियों के दल में शामिल हो गये, वह कठोर परिश्रमी, विकट परिस्थितियों में संघर्ष करने वाले कष्ट सहिष्णु थे, उन्होंने हिन्दुस्तान सोशिलिष्ट रिपब्लिकन एसोशिएशन बना देश की, आजादी व शोषणमुक्त समाज बनाने के लिए नवजवानों में क्रांति की ज्वाला जगाने का कार्य किया, लेकिन काकोरी कांड ने उन्हें झकझोर दिया, भारत की आजादी में इन बलिदानियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, लेकिन आजाद भारत में आज जैसे सामाजिक गैरबराबरी, धार्मिक पाखण्ड, अकल्पनीय आर्थिक असमानता है, उससे इनके मन में पीड़ा होना स्वाभाविक था, 76 वर्ष बाद भी आजादी के हम विश्व प्रसन्नता सूचकांक में 143 देशों में 126 वें स्थान पर है, झूठ, लूट, भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है, बिहार में 13 पुल भरभराकर जमींदोज हो गये, वहीँ अयोध्या उ0प्र0 में 844 करोड़ के राम-पथ में 8 फीट गड्ढा सरकारों की असफलता का बयान कर रहे है, आज आजाद जी होते तो अवश्य सोचते कि हमने देश को आजाद कराने, शोषण, अन्याय मुक्त समाज बनाने, गरीबी दूर करने के लिए शहादत दी थी कि भारत के 21 अमीर लोगों के पास 70 करोड़ भारतीयों के बराबर संपत्ति पहुँच गयी है, अब 80 करोड़ को मुफ्त अनाज देना पड रहा है, जबकि इनका योगदान जी0एस0टी0 में 64% है, यह अफसोस जनक है, हमें विचार करना चाहिए, तभी शहीदों के बलिदान का मूल्य चुका सकते है, जब असमानता, गरीब-अमीर की बढती खाई में संतुलन होगा, बेकारी, बेरोजगारी, मंहगाई पर नियंत्रण होगा, तभी हम उनके सपनों का भारत बनाने में सफल होंगे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे, राम दुलार यादव, देवकर्ण सिंह, कैकैलाश चन्द, एस0 एन0 जायसवाल,मुनीव यादव, ओम प्रकाश अरोड़ा, हुकम सिंह, जसविन्दर सिंह सैनी, राम करन जायसवाल, अनिल मिश्र, अखिलेश कुमार शुक्ल, राजीव गर्ग, प्रेमचंद पटेल, विजय भाटी, रवि चौहान, एस0 एन0 अवस्थी, हरिकृष्ण, हरेन्द्र यादव, फूलचन्द पटेल, अंशु ठाकुर, गुड्डू यादव, राजेन्द्र सिंह, बाबू सिंह आर्य, अवधेश कुमार मिश्र एडवोकेट, अमृतलाल चौरसिया, विनोद त्रिपाठी आदि।
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