शनिवार, 20 जुलाई 2024

पूरे विश्व में धर्म व आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर--अमृत अभिजात

 

काशी विश्वनाथ मंदिर की तर्ज पर होगा मंदिर का विकास 

प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए शनिवार को श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज से मुलाकात की ,

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में है मंदिर का जीर्णोद्वार करना 

                        मुकेश गुप्ता

गाजियाबादः श्री दूधेश्वर पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज का श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर का जीर्णोद्वार किए जाने का सपना जल्द ही पूरा होगा। गाजियाबाद दूधेश्वर नगरी के रूप में देश ही नहीं विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी धार्मिक व पवित्र स्थलों का जीर्णोद्वार कराकर उन्हें धर्म व आध्यात्म के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करा रहे हैं। इन धार्मिक व पवित्र स्थलों में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर भी शामिल हैं। मंदिर के जीर्णोद्वार की कडी में शनिवार को प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात मंदिर पहुंचे। उनके साथ महापौर सुनीता दयाल, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक समेत कई अधिकारी भी थे। 

सभी ने मंदिर में भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की और उनका अभिषेक किया। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि इसके बाद सभी ने महाराजश्री से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया और मंदिर व आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने महाराजश्री को बताया कि मंदिर का जल्द ही जीर्णोद्वार कराया जाएगा। मंदिर का जीर्णोद्वार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताओं में शामिल है। श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर का जीर्णोद्वार श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही किया जाएगा। धारा सिंह कॉलेज से लेकर जीटी रोड तक फोर लेन का निर्माण होगा। मंदिर व इसके आसपास भक्तों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर भारत ही नहीं पूरे विश्व के प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुके। महापौर सुनीता दयाल, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने भी आश्वासन दिया कि मंदिर के जीर्णोद्वार में नगर निगम हर प्रकार का सहयोग करेगा। सोमवार 22 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है तो उसके लिए भी नगर निगम मंदिर व आसपास के क्षेत्र में भक्तों व कांविडयों को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए तैयार है ताकि कांवडियों व भक्तों को कोई परेशानी ना हो। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात महापौर सुनीता दयाल, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक मुख्य अभियंता निर्माण एन के चौधरी, उद्यान प्रभारी डॉ अनुज सिंह, अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, अपर नगर आयुक्त अवनीन्द्र कुमार, जीएम जल के पी आनंद, प्रकाश प्रभारी आश कुमार का पटका पहनाकर, रूद्राक्ष की माला व स्मृति चिंह देकर सम्मान किया। महाराजश्री ने कहा कि यह गाजियाबाद ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि यहां पर श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर जैसा धार्मिक स्थल है, जिसकी स्थापना रावण के पिता विश्रवा ने की और रावण ने यहां आकर पूजा-अर्चना की। 

छत्रपति शिवाजी ने मंदिर का ना सिर्फ जीर्णोद्वार कराया, वरन मंदिर में यज्ञशाला की स्थापना भी की जो आज भी मौजूद है। मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए वे 25 वर्ष से प्रयासरत हैं और अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वयं इसमें रूचि लेने से मंदिर का जल्द जीर्णोद्वार होगा और मंदिर पूरे विश्व में जहां भारतीय संस्कृति की ध्वजा फहराएगा, वहीं गाजियाबाद व उत्तर प्रदेश ही नहीं देश का गौरव भी बढाएगा। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के केबिनेट मंत्री सुनील शर्मा भी मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए प्रयासरत हैं और उन्होंने गाजियाबाद का नाम दूधेश्वर नगर करने का सुझाव भी प्रदेश सरकार को दिया है। प्रदेश के राज्यमंत्री नरेंद्र कुमार कश्यप भी महाराजश्री से मिलकर मंदिर के जीर्णोद्वार का आश्वासन दे चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह, वर्तमान सांसद अतुल गर्ग समेत सभी जनप्रतिनिधि भी मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए प्रयासरत हैं। शनिवार को प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने मंदिर में पहुुंचकर महराजश्री से मंदिर के जीर्णोद्वार को लेकर चर्चा की तो यह महाराजश्री के 25 वर्ष से मंदिर के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों का ही परिणाम है। जल्द ही श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर का जीर्णोद्वार होगा तो मंदिर भी काशी विश्वनाथ मंदिर व महाकाल मंदिर उज्जैन की तरह पूरे विश्व में धर्म व आध्यात्म के प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल होगा। मंदिर की श्रृंगार सेवा समिति के अध्यक्ष विजय मित्तल भी मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें