सोमवार, 29 जुलाई 2024

एक ऐसे डॉक्टर जिनसे मिलकर मरीज भी भूल जातें हैं अपना दर्द

 


मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद । मरीजों से मोटा बिल वसूलने के लिए प्राइवेट चिकित्सक और चिकित्सालय अधिकतर सुर्खियों में रहते हैं। लेकिन गाजियाबाद के नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल में एक ऐसे चिकित्सक भी हैं जिन्हें बिल से ज्यादा मरीज के दर्द से सरोकार है। इनकी इसी आदत के कारण मरीज इनसे मिलकर अपना दर्द भी भूल जाते हैं। ये डॉक्टर और कोई नहीं बल्कि नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डॉ सौरभ गुप्ता हैं। 

  यशोदा असप्ताल में कार्यरत डॉ सौरभ गुप्ता मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। डॉ सौरभ पहले मरीज का दर्द समझते हैं और उसके बाद उसको दवाई देते हैं। इतने वरिष्ठ चिकित्सक होने के बावजूद भी डॉ सौरभ गुप्ता बेहद सरल और  मरीजों के प्रति व्यवहार कुशल हैं। उनका यह मिलनसार व्यवहार ऐसा है कि मरीज अपना आधा दर्द उनसे मिलकर ही भूल जाता है। खुद मरीजों का कहना है कि डॉ सौरभ की सबसे बड़ी खासियत है कि वह मरीजों को पूरा समय देते हैं और मरीजों की बात भी पूरे ध्यान से सुनते हैं। मरीज के साथ आने वाले तीमारदारों को भी मरीज से जुड़ी सभी बातें धैर्य से बताते हैं। आज के इस युग मे ऐसे चिकित्सक मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। 

  वहीं डॉ सौरभ गुप्ता कहते हैं कि कोई भी मरीज उनके पास आता है तो उसकी बीमारी को जानना उनका कर्तव्य है। वर्तमान में बदलते लाइफ स्टाइल से लोगों में मधुमेह का रोग तेजी से पनप रहा है। जब कोई मरीज उनके पास अपनी परेशानी लेकर आता है तो उसे पूरा समय देना और उसका उचित उपचार करना भी उनका कर्तव्य है। मधुमेह का आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है और इससे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं। इसमें मरीज को धुंधला दिखाई देना और सब कुछ तैरता हुआ नजर आने लगता है। रंग पहचानने में भी मरीज को परेशानी होती है। इस स्थिति में मरीज को शुगर कंट्रोल रखनी चाहिए और समय समय पर अपने चिकित्सक से इसके बारे में परामर्श लेते रहना चाहिए। मधुमेह के मरीजों को अपने खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए।

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