सोमवार, 29 जुलाई 2024

श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को पूजा-अर्चना के लिए देश भर के भक्त श्रद्धालु पहुंचे

 

मुकेश गुप्ता

सावन में उनकी पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व हैः श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज

दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है

गाजियाबादःशहर के ऐतिहासिक सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को देश भरके श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना के लिए लाईनों में लगे हुए हैंें। मंदिर परिसर ही नहीं आसपास का क्षेत्र भी भगवान दूधेश्वर, हर हर महादेव व बोल बम के जयकारों से गूंजायमान हो रहा है। मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार के जलाभिषेक क सिलसिला तो रात्रि 12 बजे से शुरू हुआ, मगर भक्तों की लाईन रात्रि 10 बजे से ही लगने लगी थी। मंदिर के पीठाधीश्वर, श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता, दिल्ली संत महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व हिंदू यूनाइटिड फ्रंट के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने सबसे पहले भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना की व जलाभिषेक किया। मंदिर में विराजमान सभी देवी-देवताओं व गुरू मूर्तियों तथा सिद्ध संतों की समाधि की पूजा-अर्चना की और उसके बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। 3 बजे भगवान का श्रृंगार व आरती हुई। 

आचार्य तयोराज उपाध्याय रूद्राभिषेक कराया। आरती देवी मंदिर के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज ने की। धूप आरती व दीप आरती के बाद भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला पुनः प्रारंभ हुआ। मंदिर में हजारों कांवडिएं भी पूजा-अर्चना कर गंगाजल लेने के लिए रवाना हो रहे हैं। भक्तोंकी लाईन जस्सीपुरा मोड से भी आगे तक पहुंच गई। भक्त भगवान की पूजा-अर्चनाव जलाभिषेककर महाराजश्री का आशीर्वाद भी ले रहे हैं। श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि शास्त्रों में सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय माह बताया गया है। दरअसल सावन माह चातुर्मास मास के चार माहों में से एक माह है। चातुर्मास में भगवान विष्णु के योगनिंद्रा में रहते से दौरान भगवान शिव ही पालनकर्ता होते हैं और वहीं भगवान विष्णु के भी कामों को भी देखते हैं। यानि सावन के महीने में त्रिदेवों की सारी शक्तियां भगवान शिव के पास ही होती हैं। इसी कारण इस मास में उनकी पूजा करने का इतना अधिक फल मिलता है।  सावन में उनकी पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवार के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। निर्धन को, निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है तथा कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है।

महाराजश्री ने बताया कि दूसरे सोमवार को महाकालेश्वर शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। श्रद्धालु को ऊं महाशिवाय वरदाय हीं ऐं काम्य सिद्धि रुद्राय नम मंत्र का रुद्राक्ष की माला से जाप करना चाहिए। महाकालेश्वर की पूजा से गृहस्थ जीवन होता है। पारिवारिक कलह, पितृ दोष व तांत्रिक दोष से मुक्ति मिलती है। पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा के नेतृत्व में मंदिर व उसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद है। सीसीटीवी कैमरों से भी हर आने.जाने वालेपर नजर रखी जा रही है। महापौर सुनीता दयाल, नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में नगर निगम, जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन व पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र के नेतृत्व में पुलिस का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। मंदिर के स्वयंसेवक व सेवादार महाराजश्री के नेतृत्व में कांवडियों व शिवभक्तों की सेवा कर रहे हैं।

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