रविवार, 21 जुलाई 2024

श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं बृज के कण कण में बसती हैं- पं. संजीव शर्मा

 

मुकेश गुप्ता

रामलला और कान्हा का छठी उत्सव मनाया, गोवर्धन पूजा में लगाया 56 भोग

भगवान गोवर्धन की झांकी निकाली

गाजियाबाद। राकेश मार्ग  स्थित गुलमोहर एन्क्लेव सोसाइटी के श्री शिव बालाजी धाम मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान राम व श्रीकृष्ण की छठी पूजी गई। इस अवसर पर गोवर्धन भगवान का प्रसंग भी कथा वाचक पण्डित संजीव शर्मा ने सुनाया। इस अवसर पर गोवर्धन महाराज को 56 भोग लगाया गया। पांचवे दिन भागवत कथा में डॉ सत्यप्रकाश गोस्वामी मुख्य यजमान के रूप में मौजूद रहे। पण्डित संजीव शर्मा ने कृष्ण बाल लीला, माखन चोरी व गोवर्धन पूजा के प्रसंग का कथा में वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण ने बृजवासियों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएं उसकी तलहटी में सुखपूर्वक रहे।

भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इसके बाद पण्डित संजीव शर्मा ने श्रीकृष्ण भगवान के माखन चोरी की कथा सुनाई। कथा सुनकर प्रभु भक्त भाव विभोर हो गए। श्री कृष्ण की माखन चोरी की लीला का वर्णन करते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते कि किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। गोपियाँ भी भगवान की इन लीलाओं का आनन्द लेती थीं।  रविवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पण्डित संजीव शर्मा ने जीवन मे गुरु के महत्व पर भी प्रकाश डाला। कथा के समापन के अवसर पर मुख्य यजमान व अन्य भक्तों ने आरती की और उसके बाद प्रसाद वितरण भी किया गया।

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