गुरुवार, 18 जुलाई 2024

श्रीमद्भागवत से जीव में उत्पन्न होते हैं भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के भाव- पं. संजीव शर्मा

 

मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद। गुलमोहर एन्क्लेव में बुधवार 17 जुलाई से प्रारम्भ हुई संगीतमय भागवत कथा के प्रथम दिन कथा प्रवक्ता पंडित संजीव शर्मा ने भागवत की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है। भागवत में भगवान की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। इसमें भक्ति योग का वर्णन है, जिसमें कृष्ण को सभी देवों के देव के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अलावा, इस पुराण में रस भाव की भक्ति का भी निरुपण किया गया है। पं संजीव शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास होता है और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। इससे जीव में भक्ति, ज्ञान एवं वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। इसके श्रवण मात्र से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जो जीव की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है। इसलिए हर जीव को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। भागवत कथा के पहले दिन सोसायटी के काफी निवासियों ने कथा का श्रवण किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें