रविवार, 30 जून 2024

कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न , प्राथमिक चिकित्सा तथा न्यू लेबर कोड विषय पर लीगल आई पी एल द्वारा श्रम विभाग उ प्र के साथ सेमिनार संपन्न


मुकेश गुप्ता

 नये श्रम क़ानून में श्रमिक सीधे कंपनी मालिक पर मुक़दमा कर सकेंगे 

यौन उत्पीड़न कमेटी को प्रत्येक कंपनी में बनाना अनिवार्य । अन्यथा ज़िलाधिकारी के पास कंपनी का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार--सतेंद्र सिंह 

नोएडा ।  लीगल आई पी एल , उत्थान समिति , एनएईसी, और लेबर लॉ रिपोर्टर के द्वारा संयुक्त रूप से एक सेमिनार का आयोजन शनिवार को रेडिसन एमबीडी होटल नोएडा में किया गया। 

इस सेमिनार में कारख़ानों एवं प्रतिष्ठानों में श्रमिकों एवं कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा कैसे दी जाये इस विषय पर डॉ बी पी बसिस्ट सेंट जॉन एम्बुलेंस ने यहाँ पर उपस्थित कारख़ानों एवं प्रतिष्ठानों के मालिकों एवं उनके एच आर प्रतिनिधियों को दी।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एस के गुप्ता द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर रोकथाम के विषय में क़ानून पर जानकारी दी गई।इसके साथ ही कार्यक्रम में न्यू लेबर कोड जो की जल्द ही लागू होने जा रहे हैं उनके विषय में जानकारी दी गई । इस कार्यक्रम में विभिन्न कंपनियों के एचआर मैनेजर ,एग्जीक्यूटिव , और मालिकों ने भाग लिया । 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद डॉ महेश शर्मा थे उन्होंने कार्यक्रम का दीप जलाकर विधिवत उदघाटन किया। महेश शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन प्रत्येक कंपनी के लिए बहुत आवश्यक हैं जो की निरंतर होते रहने चाहिए । इसके अलावा ललित ठुकराल चेयरमैन एनएईसी और ऋचा अनिरुद्ध -प्रोडूसर और एंकर भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।

लेबर लॉ रिपोर्टर के स्पेशल एडिटर यजद कुमार ने इंडस्ट्रियल रिलेशन पर अपना प्रेजेंटेशन दिया और आने वाले नए लेबर कोड में इसमें क्या परिवर्तन किया गया है उसके विषय में जानकारी दी । 

एस के गुप्ता ने कहा कि आने वाले न्यू लेबर कोड में प्रावधान किया गया है कि यदि आपकी कंपनी में श्रमिकों का उत्पीड़न होता है तो श्रमिक सीधे आपकी कंपनी के ख़िलाफ़ मुक़दमा कर सकता है उसको लेबर कमिश्नर से शिकायत करने की आवश्यकता नहीं है ।

लीगल आई पी एल के सीएमडी सत्येन्द्र सिंह ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का नियम हर उस कंपनी पर लागू होता है जहाँ पर 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं । उन्होंने बताया कि यहाँ पर यह आवश्यक नहीं है कि आपकी कंपनी में कोई महिला कर्मचारी कार्यरत है या नहीं । और यदि कोई कंपनी अपने यहाँ आईसीसी नहीं बनाती है तो उसके ऊपर पचास हज़ार रुपये के हर्जाने का प्रावधान है । द्वितीय बार पकड़े जाने पर इस जुर्माने को डबल किया जा सकता है और तीसरी बार पकड़े जाने पर ज़िले के ज़िलाधिकारी को अधिकार है कि वो आपकी कंपनी का लाइसेंस रद्द कर सकता है ।

मशहूर टीवी पत्रकार और एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने कहा कि प्रत्येक परिवार को अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने होंगे ताकि इस तरह की घटना हो ही ना । अतः इस तरह के क़ानून के विषय में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत है ।

ललित ठुकराल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर होने आवश्यक हैं ताकि कंपनी मालिकों एवं उनके कर्मचारियों को इन क़ानूनों के विषय में जानकारी हो सके । इससे उनको अपने यहाँ पर हर क़ानून का पालन करवाने में सहूलियत हो । क्योंकि कंपनी मालिक अक्सर श्रम क़ानून की जानकारी के अभाव में ग़लतियाँ कर देते हैं ।

इस कार्यक्रम में उपनिदेशक कारख़ाना ग़ाज़ियाबाद आलोक सिंह , उपनिदेशक कारख़ाना नोएडा बृजेश कुमार सिंह , उपनिदेशक कारख़ाना मेरठ रवीन्द्र सिंह , अपर श्रमायुक्त नोएडा सरजूराम , उपश्रमायुक्त ग़ाज़ियाबाद अनुराग मिश्रा , सहायक श्रमायुक्त नोएडा सुभाष यादव , सहायक निदेशक कारख़ाना राम बहादुर यादव , पूर्व सहायक श्रमायुक्त के एन अग्रवाल , पूर्व सहायक निदेशक कारख़ाना एस सी विश्वकर्मा मौजूद थे ।




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