मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु
नोएडा। विद्युत वितरण निगम के अधिकारी-कर्मचारी नोएडा में सरकार के मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं। सरकार उद्योगों को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन निगम के कर्मचारी-अधिकारी जांच के नाम पर उद्योगों के सामने मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 25 हजार से ज्यादा उद्योगों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया।
नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा और संभल के मुख्य अभियंता, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामल हुए। औद्योगिक क्षेत्रों में गुणवत्तापरक निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए बिजनेस प्लान 2024-25 के तहत कार्य किया जाना है। इस संदर्भ में इस बैठक का आयोजन किया गया। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले नोएडा के उद्योगों पर विद्युत निगम अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहा है। बिजली कनेक्शनों की जांच के नाम पर उद्यमियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश सरकार आईटी कंपनियों को उद्योग मानती है और नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण भी इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा दे रहे हैं, लेकिन विद्युत वितरण निगम आईटी सेक्टर को उद्योग नहीं मान रहा है। आईटी उद्योगों को नोटिस जारी कर भारी-भरकम जुर्माने का बोझ डाला जा रहा है। उद्योगों की श्रेणी में आने वाली आईटी कंपनियों पर वाणिज्यिक विद्युत दरों का आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। औद्योगिक परिसरों का सर्वे कर टैरिफ परिवर्तन की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, आईटी उद्यमियों को लाखों रुपये के बिल भेजे जा रहे हैं।
संयोजन जांच के नाम पर उद्यमियों को अनाप-शनाप नोटिस भेजकरनिगम की विजिलेंस के अधिकारी-कर्मचारी उद्यमियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। अनुचित तरीके से औद्योगिक इकाइयों में अनियमितता दिखाकर राजस्व निर्धारित कर उद्यमियों पर एफआईआर दर्ज कराने का डर दिखाया जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए बने सकारात्मक माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इस तरह के मामले संस्था के संज्ञान में आए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि संयोजन जांच के नाम पर उद्यमियों का उत्पीड़न करना उचित नहीं है। आईटी उद्योगों को औद्योगिक दरों पर बिजली दी जाए। अगर कहीं विद्युत संयोजन में बदलाव करना है तो इसके लिए उद्यमियों को उचित समय दिया जाए। एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सीधे ही जुर्माना लगाया जाना उचित नहीं है। प्रदेश की आर्थिक तरक्की में नोएडा के उद्योगों का योगदान बना रहे, इसके लिए उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। औद्योगिक सेक्टरों में स्थित स्लम में बिजली चोरी से हो रहे लाइनलॉस को रोकने का पुख्ता इंतजाम किया जाए। बिजली ढांचे को सुधारकर नोएडा को सही मायने में नो पावर कट जोन बनाया जाए।
आपाका आभारी
जिलाध्यक्ष, एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन
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