गुरुवार, 14 मार्च 2024

कलियुग में केवल एक सहारा , खाटू श्याम हमारा है' पर जमकर झूमें श्रद्धालु

 

                 मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

गाजियाबाद। श्री श्याम परिवार समिति द्वारा आयोजित श्रीमदभागवत कथा के छठे दिन शाम से ही बादल उमड़ आये। मानो देवता भी श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह में शामिल होने बादलों के रथ पर सवार होकर आ गये हों, फिर आयी बारिश और भगवान के रथ के लिये सड़कें धोकर चले गये। विशेष बात यह रही कि मौसम का कोई असर भक्तों के उत्साह पर नहीं आया। भक्त जनों के समूह से पण्डाल भरने लगा।खाटू श्याम के सुन्दर भजनों के साथ आज की कथा की शुरुआत हुई। कलियुग में केवल एक सहारा, खाटू श्याम हमारा है। भजन पर सब झूमने लगे। पूज्या जया किशोरी जी अपनी मनमोहक मुस्कान के साथ व्यास पीठ पर विराजमान हुई। उनके आगमन से पूरा पण्डाल ऐसा शोभायमान हो गया मानो अंधेरे में सूरज निकल आया हो। श्री राधे राधे के उदघोष के साथ भगवान के भजनों से पूज्या जया किशोरी जी ने मानो भक्ति रस की वर्षा कर दी। 

कृष्ण की बाल लीलाओं पर सबको मोहित कर, पूतना वध की कथा सुना कर पूज्या जया किशोरी जी भगवान श्री कृष्ण का मथुरा जाने का प्रसंग सुनाया, मथुरा में कृष्ण जी ने कैसे सबको मोहित कर कंस वध किया का ऐसा सजीव चित्रण पूज्या जया किशोरी जी ने किया कि सब को लगा मानो आज एक फिर दानव का वध प्रभु ने किया हो। कंस वध के बाद बारी आती है महारास की, श्रीकृष्ण और गोपियों के रास की सुन्दर झांकी और नृत्य ने सबका मन मोह लिया। 

श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह की सुन्दर संगीतमय प्रस्तुति पूज्या जया किशोरी जी ने सुनाई। अत्विदर्भ देश के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी बुद्धिमान, सुंदर और सरल स्वभाव वाली थीं. पुत्री के विवाह के लिए पिता भीष्मक योग्य वर की तलाश कर रहे थे। राजा के दरबार में जो कोई भी आता वह श्रीकृष्ण के साहस और वीरता की प्रशंसा करता। श्रीकृष्ण की वीरता की कहानियां सुनकर देवी रुक्मिणी ने उन्हें मन ही मन अपना पति मान लिया था. तय कर लिया था कि वह कृष्ण से ही विवाह करेंगीं. शिशुपाल जब विवाह के लिए द्वार पर आया तो श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर लिया। इसके बाद श्रीकृष्ण, शिशुपाल और रुक्म के बीच भयंकर युद्ध हुआ और इसमें द्वारकाधीश (कृष्ण) विजयी हुए। कृष्ण देवी रुक्मिणी को द्वारकाधीश ले आए और यहीं उनका विवाह हुआ। आज का आकर्षण कृष्ण जी का रथ रहा जिस पर कृष्ण जी आये। पूज्या जया किशोरी  ने आज के यजमानों अनिल कुमार, संजीव कुमार गुप्ता, अतुल जैन, मुकेश कुमार, राजकुमार, ज्ञान प्रकाश, संदीप सिंघल आदि नारायण गुप्ता, रजनीश बंसल, कैलाश गोयल, पंकज अग्रवाल, नितिन, रवि जैन व ललित जयसवाल के साथ पूजन किया। कार्यक्रम में पधारे माननीय अतिथियों का अध्यक्ष अनिल अग्रवाल साँवरिया ने उनका स्वागत किया।समिति के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल सावरिया ने बताया कि गाजियाबाद के इतिहास में प्रथम बार घंटाघर रामलीला मैदान में विश्व प्रसिद्ध कथावाचक पूज्य जय किशोरी जी के मुखारविंद से कल दिनांक 13 मार्च को कंस वध लीला, रासलीला श्री कृष्ण और रुकमणी विवाह जन्म का वर्णन किया गया जिसमें गाजियाबाद के ग्राउंड में 40 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने श्याम बाबा के दर्शन कर धर्म लाभ प्राप्त किया।

कार्यक्रम में विशेष रूप से अनिल अग्रवाल साँवरिया, अनिल गर्ग, रामअवतार जिन्दल, आशु बिन्दल, गौरव गर्ग, सौरभ गुप्ता, मुकेश बाबा, आलोक गर्ग, सौरभ किराना मंडी , योगेश गोयल, सुनील त्रिवेणी, वी. के गुप्ता, तनु गम्भीर, संजय गुप्ता फ़्रूट वाले , सुनील वार्ष्णेय, अशोक अग्रवाल, अरुण सिंघल, सौरभ जयसवाल, भानु सिसोदिया, मंयक अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल व संजय अग्रवाल, दिप्ती अरोड़ा, ममता गर्ग, रितू गुप्ता आदि ने कथा में योगदान किया।

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