जिसमें बैक स्टेज थियेटा्न लखनऊ की ओर से द गुड डॉक्टर नाटक की प्रस्तुति दी गई।इस दौरान नाटक प्रेमियों ने तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। नाट्य कार्यक्रम में सम्मिलित लोगों ने समारोह की काफी सरहाना की। हिन्दी भवन समिति के अध्यक्ष ललित जायसवाल ने बताय कि
(कथा सार) इस प्रकार है
द गुड डॉक्टर एक कॉमेडी नाटक है जिसकों नील साइमन ने लिखा है। इसमें लघु नाटकों की एक श्रृंखला शामिल है, जो रूसी लेखक एंटोन चेखव की लघु कहानियों और अन्य कार्यों पर आधारित है, जो मनुष्य की हास्यास्पद, कोमल, विचित्र, निर्दोष और अजीब कमजोरियों को उजागर करता है। प्रत्येक दृश्य अपनी कहानी कहता है, लेकिन पात्रों का व्यवहार और उनकी कहानियों के संकल्प विशिष्ट या पूर्वानुमानित नहीं हैं|
इन कहानियों में शामिल है “सिडक्शन”, “डूबा हुआ आदमी”, “द गिफ्ट”, “सर्जरी”, “बैंक मैनेजर” ।
(सिडक्शन)
एक कुंवारा व्यक्ति दूसरे पुरुषों की पत्नियों को बिना किसी सीधे संपर्क के बहकाने का अपना अचूक तरीका साझा करता है, जब तक कि वह उसकी बाहों में न आ जाए।
(डूबा हुआ आदमी)
एक उद्यमी आवारा पैसा कमाने के लिए खुद को डूबने का नाटक करता है, और वह जो करता है उसे "समुद्री मनोरंजन" कहता है।
(द गिफ्ट)
फ्लैशबैक में, लेखक के पिता अपने शर्मीले 19 वर्षीय बेटे को आदमी बनाने के लिए वेश्यालय में ले जाते हैं।
(सर्जरी)
एक चर्च का फादर दांत दर्द की शिकायत लेकर दंत चिकित्सक के पास जाता है, लेकिन दंत चिकित्सक का अपने पेशे के प्रति उत्साह उसके मरीज को डराने लगता है।
(बैंक मैनेजर)
नसों के दर्द से ग्रस्त एक महिला अपने घायल पति के लिए पैसे निकालने के लिए एक बीमार बैंकर को परेशान करती। इस दौरान कार्यक्रम में सहायक पुलिस आयुक्त रवि कुमार, ललित जायसवाल, सुभाष गर्ग, श्रीमती शैलजा, प्रथ्वी सिंह कसाना, बल्देवराज शर्मा, राज कौशिक, जयवर्धन सिंह समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
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