गुरुवार, 4 जनवरी 2024

लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के अध्यक्ष राम दुलार यादव ने सावित्री बाई फूले के जन्म दिन पर कम्बल व शाल किए वितरित


मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

 गाजियाबाद/साहिबाबाद। बुधवार को लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव शिक्षाविद, समाजवादी विचारक के नेतृत्व में ड़ा0 राम मनोहर लोहिया पार्क के प्रांगण में कार्यरत सभी मालियों, गार्डों और स्वच्छकारों तथा महिला कर्मियों को समाज सुधारक, क्रांतिपुंज, प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फूले के जन्म दिन के अवसर पर 21 कम्बल और महिलाओं को 15 शाल वितरित किया गया, और महात्मा ज्योतिराव फूले नि: शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय का रेलवे रोड अंडर पास के पास उद्घाटन किया गया, महात्मा ज्योति राव फूले, सावित्री बाई फूले, गफ्फार बेग, फातिमा शेख के नारों से आकाश गूंज उठा, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने प्रतियोगी छात्र, छात्राओं, सामाजिक, राजनैतिक कार्यकताओं और विद्वान गणों को अध्ययन और प्रतियोगिता में भाग लेने में सहयोग और सहायता के लिए यह आठवाँ पुस्तकालय खोलने का कार्य किया है,। 

कार्यक्रम में शामिल सभी भाइयों और बहनों ने सावित्री बाई फूले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे स्मरण किया, उनके द्वारा किये गये त्याग, तपस्या, लगन और सेवा कार्य को भी याद किया गया, तथा उनके कार्य को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समाजवादी विचारक राम दुलार यादव ने कहा कि “जब राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विपन्नता समाज में व्याप्त थी, रूढ़िवाद, पाखंड, अंधविश्वास, महिलाओं का शोषण, दलित, पिछड़ों की दुर्दशा से रूह काँप जाती है, उसी काल में महान समाज सुधारक, क्रांति ज्योति, प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फूले का जन्म हुआ, उनके पति महात्मा ज्योति राव फूले ने उन्हे पढाकर शिक्षिका बना 1848 में प्रथम महिला शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए विद्यालय की स्थापना की। उन्होंने कहा कि बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन किया, उनका मानना था यह रूढ़िवादी और पाखंडी समाज जिनका हर क्षेत्र में वर्चस्व है, शिक्षा के प्रचार-प्रसार से उन्होने मानव द्वारा निर्मित पाखंड का समूल नाश किया जा सकता है, सामंतवादी समाज ने इन्हे बड़ा कष्ट दिया, बड़ी कठिनाइयों के बाद इन्होने अपने कार्य को अनवरत जारी रखा, तथा अपने उद्देश्य में सफल हुए, उन्होने अपना जीवन सेवा, सहयोग, चिकित्सा सभी को मिले, अर्पण कर दिया, तथा मरीजों की सेवा करते हुए ही वह इस असार संसार से मुक्त हो गईं| हम इस मंच के माध्यम से मांग करते है कि उनके द्वारा किये गये शिक्षा, चिकित्सा और महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने लायक बनाने और सशक्तिकरण के लिए भारत रत्न मिलना चाहिए।


 आज 21 वीं सदी में मणिपुर से लेकर उत्तर प्रदेश और देश में महिलाओं का शोषण और अनाचार तथा उसके बाद उनकी निर्मम हत्या, कई बार दिल दहला देने वाली घटनाएँ घटित हो रही है, उन्हे सख्ती से रोका जाना चाहिए। क्रूरता चाहे कोई भी  प्रभावशाली करें उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, सरकारों को उनके साथ किसी प्रकार की रियायत नहीं करनी चाहिए, तभी हम सावित्री बाई फूले के द्वारा किये गये प्रयास को सफल कर पाएंगे, पेरियार रामा स्वामी ने कहा है कि “शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार धर्म से ज्यादा मानव जाति और समाज के लिए महत्व पूर्ण है”| महात्मा ज्योति राव फूले नि: शुल्क पुस्तकालय, वाचनालय का उद्घातन फीता काटकर शिक्षिका नयना यादव, गरिमा पब्लिक स्कूल ने किया।  कम्बल वितरण में भाग लिया, राम यादव, परमानंद यादव, महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिन्दु राय, अंजलि सिंह, बेबी सिंह, राम प्यारे यादव, संजू शर्मा, अनीता सिंह, विजय मिश्र, हाजी मोहम्मद सलाम, राजेंद्र यादव, अखिलेश शुक्ल, अमर बहादुर, सुभाष यादव, पंडित विनोद त्रिपाठी, लक्ष्मी नारायण सहगल, कम्बल और शाल भेंट की गयी प्रमुख रहे, धर्मवती, संतोष, शुकांति, मीना, मुनेश, कमलेश, पिंकी, कुसुम, रईसन, रेखा, जय प्रकाश, विजय, दिनेश, राजेश यादव, पप्पी, विनय, इरशाद, गोलू, सितेन्द्र, छोटू, शाहिद, चन्द्र भान, मोहित, राम मिलन, विपिन, राजीव, सोनू, अरविंद, अनिल, राम लखन, अनुराग, चतर सिंह आदि उपस्थित रहे।


                                                                                                                         

                                                                                                                   

                                                                                                           

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें