गाजियाबाद।आर्यसमाज राज नगर के प्रांगण में प्रेस वार्ता का अयोजन किया गया जिसमे सभा के यशस्वी मंत्री सत्यवीर चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जिला आर्य प्रतिनिधि सभा गाजियाबाद एवं आर्य केन्द्रीय सभा के संयुक्त तत्वावधान में सत्य सनातन वैदिक धर्म व संस्कृति के रक्षक एवं पोषक महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष में 2 फरवरी से 4 फरवरी 2024 तक रामलीला मैदान राजनगर गाजियाबाद में विराट आर्य महासम्मेलन आयोजित है जिसमें ऋग्वेद महायज्ञ,समाज सुधार सम्मेलन, आध्यात्मिक सम्मेलन,आर्य महिला सम्मेलन एवं महर्षि दयानंद सरस्वती यशोगाथा सम्मेलन होंगे। संयोजक नरेन्द्र पांचाल ने बताया कि शुक्रवार, 2 फरवरी 2024 को विशाल शोभायात्रा शंभू दयाल वैदिक सन्यास आश्रम दयानंद नगर गाजियाबाद से प्रारंभ होकर गांधीनगर,चौधरी मोड़,जीटी रोड, घंटाघर,चौपला मंदिर,डासना गेट, मालीवाडा चौक,पुराना बस अड्डा, हापुर रोड,आरडीसी होते हुए श्री रामलीला मैदान राज नगर में एक बजे संपन्न होगी।कार्यक्रम में आर्य जगत के उच्च कोटि के विद्वान स्वामी आर्यवेश,डॉ महावीर अग्रवाल,डॉ जयेन्द्र कुमार आचार्य,योगेंद्र याज्ञिक,आचार्य वागिश,पंडित कुलदीप आर्य इत्यादि के साथ-साथ भारत सरकार में मंत्री जनरल डॉ वीके सिंह व डॉ सत्यपाल सिंह सांसद बागपत,मेयर श्रीमती सुनीता दयाल इत्यादि पधार रहे हैं इस भव्य कार्यक्रम में जनपद गाजियाबाद के साथ-साथ समीपवर्ती जनपदों के भी हजारों की संख्या में आर्यजनों के पहुंचने की संभावना है।मीडिया प्रभारी प्रवीण आर्य ने बताया कि शुक्रवार 2 फरवरी 2024 को प्रातः 8 बजे शम्भू दयाल दयानंद वैदिक सन्यास आश्रम,दयानंद नगर में डा जयेंद्र आचार्य के ब्रह्मत्व में महायज्ञ, वेदपाठ गुरुकुल सासनी की ब्रह्मचर्णियों द्वारा होगा,तत्पश्चात यहीं से प्रातः10 बजे एक विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा जिसका उदघाटन जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के पूर्व प्रधान श्री ज्ञानेन्द्र सिंह आर्य जी करेंगे।
डा प्रतिभा सिंघल ने बताया कि स्वामी दयानन्द का जब जन्म हुआ था,तब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था पाखंड अंधविश्वास जातिवाद का बोलबाला था।ऐसे युग में महर्षि दयानंद का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात में हुआ था स्वामी दयानंद ने भारत स्वतंत्र कराने के साथ-साथ धार्मिक आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में जन जागरण कर देश को एक नई राह दिखाई थी।महर्षि दयानंद स्वराज्य के प्रथम उद्घोषक थे। स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है,महर्षि की प्रेरणा का फल है।उन्होंने कहा था कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम और योगी राज कृष्ण हमारी संस्कृति के आधार स्तंभ हैं।
जिला आर्य सभा के पूर्व प्रधान व सभा के संरक्षक श्री श्रद्धानंद शर्मा ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ लिख कर दुनिया को सच्चा ज्ञान दिया।धर्म में अंधविश्वास, जाति प्रथा के विरुद्ध आंदोलन किया।स्त्री शिक्षा व विधवा विवाह के समर्थन में आवाज़ बुलंद किया। स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रेरित किया।वैदिक साहित्य के प्रचार प्रसार के लिए आर्य समाज की स्थापना की जो अभी भी इस कार्य में सक्रिय है। सभा के कोषाध्यक्ष कृष्ण शास्त्री ने कहा कि राष्ट्र की समस्याओं का हल महर्षि दयानंद के आदर्शों पर चलने पर ही होगा। सह मीडिया प्रभारी डा प्रमोद सक्सेना ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन से समाज में विशेषकर युवा पीढ़ी में एक संदेश जाता है कि हमारे महापुरुषों ने कितने बलिदान किये तथा उनके दिखाए रास्ते आज भी समाज के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं इससे हम सभी को प्रेरणा मिलती है।
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