गाजियाबाद। मधुमेह भारत में लगातार खतरनाक होता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि साउथ ईस्ट एशिया में शुगर के मरीजों के मामले में भारत दूसरे नम्बर पर है। चाइना पहले स्थान पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईएमए ने बड़ी जिम्मेदारी उठाते हुए मंगलवार 'विश्व मधुमेह दिवस' से लेकर पांच दिनों तक मेगा जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत टीम आईएमए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर मधुमेह से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करेगी।
आईएमए भवन में आयोजित एक प्रेसवार्ता में इस जागरूकता कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रहलाद चावला ने बताया कि भारत मे मधुमेह रोग एक चुनौती बनता जा रहा है। बीते वर्ष में 11.5 प्रतिशत की रफ्तार से इसके मरीजों की संख्या बढ़ कर सामने आई है। गलत जीवन शैली, रहन-सहन और खानपान इसके सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने बताया कि प्रिकॉशन और जागरूकता ही इससे बचाव का एकमात्र रास्ता है। आईएमए गाजियाबाद चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. वाणी पुरी ने बताया कि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए 14 नवम्बर से लेकर 19 नवम्बर तक आईएमए ने लगातार विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की है।जिसके तहत मधुमेह जांच कैम्प, ड्राइंग कम्पटीशन, जीवन शैली जागरूकता, ट्रेंड दा ट्रेनर, डायबिटीज मेला आदि का विभिन्न दिनों में आयोजन किया जाएगा। 19 नवम्बर को समापन के मौके पर 'वॉकाथन' का आयोजन सुबह सात बजे किया जाएगा। ये नवयुग मॉर्केट स्थित अम्बेडकर पार्क से शुरू होकर राजनगर आईएमए भवन पर समाप्त होगा।
आईएमए के प्रदेश सचिव डॉक्टर वीबी जिंदल ने बताया कि इस कार्यक्रम को व्यापक बनाने के लिए इस बार डॉक्टर्स के साथ-साथ उद्यमी, व्यापारी, स्कूल, चार्टेड एकाउंटेंट आदि को भी इस जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा गया है। डॉ. नवनीत वर्मा ने बताया कि आरामदायक जीवनशैली, रहन-सहन और खानपान में बदलाव करके ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। नियमित व्यायाम और योग से मधुमेह से दूर रहा जा सकता है। प्रेसवार्ता में डॉ. रोली बंसल और डॉ. विजय बत्रा ने भी जागरूकता कार्यक्रम के विषय मे जानकारी दी।
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