गाजियाबाद। 2 अक्टूब को ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरूप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा जन्मदिन समारोह आयोजित किया गया। समारोह में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के शुभ अवसर पर सैकड़ों साथियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर स्मरण किया, समारोह की अध्यक्षता पूर्व डिप्टी डायरेक्टर श्रवण कुमार यादव ने किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड़ा0 विशन लाल गौड़ पूर्व प्राचार्य रहे, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष मुख्य वक्ता कार्यक्रम में शामिल रहे, कार्यक्रम में शामिल सभी साथियों ने विचार व्यक्त किया तथा सादगी, ईमानदारी, नैतिकता पर चलने का संकल्प लिया, प्रो0 राजेन्द्र यादव, ड़ा0 सभापति शास्त्री, ड़ा0 सुरजन प्रसाद, ड़ी0पी0 मौर्य, अर्जुन सिंह यादव, एस0एस0 प्रसाद, अवधेश कुमार मिश्र, चौधरी कालीचरण, कैलाश चंद्रा ने भी समारोह को संबोधित किया।
गोष्ठी में संविधान बचाओ, नफरत मिटाओ, देश बचाओ विचार पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला। जन्म दिन समारोह को संबोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, भारत रत्न पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री सादगी, सरलता, ईमानदारी, मितव्यता की प्रतिमूर्ति, विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे। महात्मा गांधी ने कहा है कि “मेरा जीवन ही मेरा संदेश है” वह जितना मलिन बस्तियों में स्वच्छता अभियान चलाते थे, उससे अधिक राजनीतिक जीवन और सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता के पक्षधर रहे, जहां “भारत छोड़ो आंदोलन” में “करो या मरो” का उद्घोष किया, वही लाल बहादुर शास्त्री जी ने कहा कि “मरो नहीं मारो” अंग्रेजी सरकार की चूलें हिला दी।आज सार्वजनिक जीवन में झूठ, नफरत, असहिष्णुता, पाखंड, सामंतवाद, शोषण ने पैर पसार लिया है, हमारे संविधान पर प्रहार, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, जातिवाद, मानसिक गुलामी, धार्मिक पाखंड ने समाज में विभाजन पैदा कर दिया है, बेरोजगारी, मंहगाई, भ्रष्टाचार सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही है, देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है, देश और देशवासियों में समता, समानता, न्याय, बंधुता, सद्भाव, भाईचारा, प्रेम और सहयोग की अति आवश्यकता है, तभी देश सुदृढ़ होगा, महात्मा गांधी ने कहा कि “मै ऐसे भारत के लिए कोशिश करूंगा जिसमे गरीब से गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि यह उनका देश है, जिसके निर्माण में भी उनकी आवाज का महत्व है, हमे देश के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के घर में प्रकाश की किरण बिखेरनी है, जब हमारा देश गुलामी से आजाद हो जाएगा, मै ऐसे भारत की कल्पना कर रहा हूँ, लेकिन आज हम महात्मा गांधी के सपनों का भारत 75 वर्ष आजादी के हो जाने के बाद भी नहीं बना पाये| आज भी शिक्षा, दवाई से भारत की अधिकांश जनता वंचित, गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने पर मजबूर है, हमे यह व्यवस्था बदलनी होगा।
समारोह में प्रमुख रूप से शामिल रहे, शिक्षाविद राम दुलार यादव, ड़ा0 विशन लाल गौड़, श्रवण कुमार यादव, ड़ा0 सभापति शास्त्री, सुरजन प्रसाद, कैलाश चंद्रा, डी0पी0 मौर्य, अर्जुन सिंह यादव, अवधेश कुमार मिश्र, एस0एस0 प्रसाद, कालीचरण, प्रो0 राजेन्द्र यादव, ड़ा0 देवकर्ण चौहान, एस0एन0 जायसवाल, इंजी0 धीरेन्द्र यादव, ब्रह्म प्रकाश, चन्द्र बली मौर्य, विनोद त्रिपाठी, ओम प्रकाश अरोड़ा, कृष्ण कुमार दीक्षित, भानु प्रताप यादव, एस0एन0 अवस्थी, अमृतलाल चौरसिया, चक्रधारी दूबे, हाजी मोहम्मद सलाम, फ़ौजुद्दीन, विश्वनाथ यादव, धर्मेन्द्र, देवमन यादव, अंशु ठाकुर, राम प्यारे यादव, सम्राट सिंह, के0के0 सिंह, सोनम, फराह, प्रतिमा, रिचा, नेहा, मुनीव यादव, अमर बहादुर, सुभाष, भक्ति यादव, शिव शंकर, चिंतामणि यादव, सरदार अवतार सिंह काले, किशन पाल यादव, अमित, गुल मोहम्मद, उपेंद्र गुप्ता, सुरेन्द्र यादव, अवधेश मौर्य, महेंद्र यादव, सदाब, कृष्णा नन्द यादव, साजिद, महेश कुमार, शिवानंद चौबे, नागेन्द्र मौर्य आदि सैकड़ों लोगों ने स्मरण किया।
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