गाजियाबाद-पालतू एवं निराश्रित कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमला करने की घटनाओं को लेकर मानवाधिकार कार्यकर्ता विष्णु कुमार गुप्ता एडवोकेट ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन को एक याचिका प्रेषित की गई है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए तत्काल एक प्रभावी नीति बनाने के लिए जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को आदेशित किये जाने की प्रार्थना की गई है । एडवोकेट गुप्ता ने बताया कि पूर्व में दिनांक 15-9-22 को भी उनके द्वारा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में कुत्तों द्वारा बच्चों को काटे जाने की घटनाओं को लेकर बच्चों का बाल जीवन छिन जाने एवं बच्चों व उनके परिजनों में दहशत भरा माहौल होने को लेकर सुझाव देते हुए प्रभावी नीति बनाए जाने की प्रार्थना की थी , जिस पर आयोग द्वारा जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व नगर आयुक्त,गाजियाबाद को दिनांक 26- 9-2022 को नोटिस जारी करते हुए चार बिंदुओं_ अभिभावकों द्वारा थाने पर दर्ज कराए गए मामलों में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई, पीड़ित बच्चों के इलाज की व्यवस्था व आवश्यक वित्तीय सहायता के संबंध में की गई कार्रवाई, प्रकरण में संबंधित सुझावों को पारित करते हुए उनकी रिपोर्ट एवं अब तक की कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट 20 दिनों में भेजे जाने के लिए आदेशित किया गया था, जिसके संबंध में कोई रिपोर्ट भेजा जाना उनकी जानकारी में नहीं आया है जिसके लिए माननीय आयोग से कार्रवाई करने की भी प्रार्थना की गई है । एडवोकेट गुप्ता का कहना है कि कुत्तों द्वारा सबसे ज्यादा अपने दांतों से ही मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया जाता है, ऐसे में मानव जीवन को देखते हुए कुत्ता मालिक को अपने पालतू कुत्तों को बाहर निकालने पर उसके मुंह पर मजल कवर/जालीदार मास्क लगाकर गले में पट्टा डालकर हाथ में मजबूत पड़कर रखनी चाहिए, जिससे मानव जीवन सुरक्षित रह सके तथा कुत्तों द्वारा काटने का दर्द वास्तव में पीड़ित बच्चा अथवा व्यक्ति और उसके परिवारीजन ही जान सकते हैं, हाल ही में कुत्ते द्वारा काटे जाने से एक बच्चे की बहुत ही दर्दनाक मृत्यु हो चुकी है । नगर निगम द्वारा निराश्रित कुत्तों का वधियाकरण करने और उनको शेल्टर होम में रखने की कार्रवाई की जानी चाहिए तथा सभी जोनों में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर बनाए जाने चाहिए ।
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