बुधवार, 6 सितंबर 2023

न्यायालय के आदेश के 8 महीने बाद भी निजी स्कूलों ने नही लौटाई 15% फीस - सीमा त्यागी

मुकेश गुप्ता सत्ता बन्धु

गाजियाबाद। प्रदेश के अभिभावको को कोरोना काल के समय में आर्थिक राहत देने के लिये निजी स्कूलों को शिक्षा सत्र 2020-21 की 15 प्रतिशत फीस वापसी का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 6 जनवरी 2023 को दिया गया आदेश के एक महीने बाद 16 फरवरी 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निजी स्कूलों से अभिभावको को 15 प्रतिशत फीस वापस कराने के आदेश जारी किये गये लेकिन आदेश को आये 8 महीने बीत जाने के बाद भी निजी स्कूलों द्वारा पेरेंट्स को 15 % फीस वापस नही लौटाई गई । अभिभावको को उम्मीद थी कि जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक और जिलाधिकारी कोर्ट और सरकार के आदेश का निजी स्कूलों से पालन करा 15 % फीस वापस कराएंगे लेकिन अधिकारियों द्वारा कागजो में दावा किया जा रहा है कि जिले के लगभग 180 स्कूलो ने फीस लोटा दी है जबकि ये दावे हवाहवाई है धरातल पर जिले के 10 स्कूलो ने भी 15 प्रतिशत फ़ीस वापस नही की है निजी स्कूलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में 15% फीस वापसी के आदेश पर रोक लगाने के लिए प्रयास किये गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी निजी स्कूलों को कोई बड़ी राहत नही मिली सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2020-21 में जो विद्यार्थी स्कूल छोड़ चुके है केवल उनकी फीस रिफंड करने पर 6 हफ्ते का स्टे देकर मामूली राहत दी इस दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी स्कूलों से 4 साल की बैलेंस शीट भी जमा करने के लिये निर्देश दिए गये सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया कि जो विद्यार्थी वर्तमान शिक्षा सत्र में स्कूल में शिक्षा ले रहे है उनकी 15% फीस वापस अथवा समायोजित करने पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नही है अर्थात निजी स्कूलों को 15 प्रतिशत फीस वापस करनी ही होगी फीस वापसी के लिये प्रतिदिन अभिभावको की एप्लीकेशन गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पास पहुँच रही है शिकायत कर्ताओं का कहना है कुछ स्कूल कह रहे है कि उनके पास कोई कोर्ट का आदेश नही आया है और कुछ का कहना है कि वो 15 % फीस वापसी पर कोर्ट से स्टे ले आये है शिक्षा अधिकारियों और जिल्स प्रशासन को अनेको प्राथर्ना पत्र पेरेंट्स द्वारा दिये जा चुके है आदेश को आये 8 महीने बीत जाने के बाद भी  अधिकारी इस विषय पर चुप्पी तोड़ने के लिए तैयार नही । लेकिन अभिभावको ने अभी भी 15 प्रतिशत फीस वापसी की उम्मीद नही छोड़ी है क्योकि उनको लगता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनकी गुहार सुनेंगे और अपने अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी कर 15 प्रतिशत फीस वापस करा आर्थिक राहत प्रदान करेंगे ।गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन हर हालत में अभिभावको की 15% फीस वापस करा कर ही चैन की सांस लेगी ।



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