आरटीई के दाखिलों से वंचित करने वाले स्कूलो की मान्यता रद्द करे सीबीएसई - जीपीए
गजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्य्क्ष सीमा त्यागी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को निजी स्कूलों द्वारा दाखिला नही दिए जाने एवम शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित करने पर चिंता जताते हुये अवगत कराया कि निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12( 1) ग के अंतर्गत प्रत्येक मान्यताप्राप्त प्राइवेट विद्यालय में 25% निर्धारित सीटो पर दुर्बल / अलाभित समूह के बच्चों को दाखिला देकर शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है लेकिन प्रत्येक वर्ष निजी स्कूलों द्वारा आरटीई के अंतर्गत चयनित हजारों बच्चों को दाखिला नही देकर निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 ( 1) का उलघ्न किया जाता है जिसको लेकर गाजियाबाद के जिलाअधिकारी द्वारा दिनाँक 03-12-2022 को पत्रांक संख्या बी.एस.ए / 5779-82/ 2022-23 के माध्य्म से पत्र लिखकर आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों को दाखिला नही देने वाले प्राइवेट स्कूलों की सूची सम्पूर्ण विवरण के साथ भेजकर ठोस कार्यवाई सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध किया गया था जिलाधिकारी द्वारा सीबीएसई के चेयरमैन को लिखे गए पत्र में डीपीएस पब्लिक स्कूल ,मेरठ रोड , डीपीएसजी इंटरनेशनल स्कूल , मिशल गढ़ी , जी .डी गोयनका पब्लिक स्कूल , राजनगर एक्सटेंशन , सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल , वसुंधरा , देहरादून पब्लिक स्कूल , गोविंदपुरम , सुंदरदीप वर्ल्ड स्कूल , डासना रोड , सी.पी.ए पब्लिक स्कूल , स्वर्णजयंतीपुराम , ब्राइटलैंड पब्लिक स्कूल , गोविंदपुरम आदि बड़े स्कूलो पर कार्यवाई के लिए लिखा गया है लेकिन जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र के लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद भी इन स्कूलो के विरुद्ध केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा कोई ठोस कार्यवाई ( मान्यता रद्द ) सुनिश्चित नही की गई है जबकिं छात्र हित से जुड़ा यह विषय अत्यंत गंभीर है गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन ने सीबीएसई के चेयरमैन से अनुरोध किया है कि गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के पत्र का सज्ञान लेकर सीबीएसई द्वारा अतिशीघ्र मान्यता रद्द करने की कार्यवाई सुनिश्चित की जाये जिससे कि शिक्षा सत्र 2023-24 में आरटीई के अंतर्गत चयनित बालक/ बालिकाओं को शत प्रतिशत दाखिले निजी स्कूलों द्वारा सुनिश्चित किये जा सके एवम निःशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1) ग के उलघ्न करने पर सीबीएसई द्वारा निजी स्कूलों पर ठोस कार्यवाई का एक उदाहरण नजीर बन सके ।
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