सोमवार, 29 मई 2023

मोक्षदायिनी गंगा का महापर्व है ज्येष्ठ का दशहरा : संजीव गुप्ता आस्था की डुबकी से मिटैगे सारे पाप, होगा साकारात्मक ऊर्जा का संचार

 




                    मुकेश गुप्ता

गाजियाबाद। समरकूल के चेयरमैन और भाजपा के वरिष्ठ नेता संजीव गुप्ता सदैव अपने सभी धार्मिक कार्यो को विधि विधान से पूर्ण करने के लिए जाने जाते हैं इसी आस्था के तहत उनहोंने श्री गंगा दशहरे के पर्व पर सभी देशवासियों को पवित्र गंगा में स्नान करने का कारण और उसका महत्व बताते हुए कहा कि हर वर्ष की भातिं इस बार भी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जा रहा है जिसे गंगावतरण के नाम से भी जाना जाता है यह एक हिंदू त्योहार है जो गंगा के अवतरण (अवतरण) के जश्न के रूप में मनाया जाता है पवित्र नदी गंगा इस दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थी। इस शुभ दिन पर, तीर्थयात्री गंगा नदी के तट पर स्थित शहरों में जाते हैं और वहां आरती करते हैं। वे इस उम्मीद में नदी में डुबकी भी लगाते हैं कि यह उनके द्वारा किए गए पिछले सभी पापों को दूर कर देगा। संजीव गुप्ता ने कहा कि गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा भगवान शिव जी की जटाओं में उतरी थीं तथा इसके बाद गंगा दशहरा को धरती पर उनका अवतरण हुआ था। इस वर्ष 2023 में गंगा दशहरा पर्व  दिन मंगलवार, 30 मई 2023 को मनाया जा रहा है। इस बार हस्त नक्षत्र में तथा व्यतीपात योग में गंगा दशहरा पर्व मनाया जा रहा है आज के  दिन स्नान, दान और व्रत का विशेष महत्व होता है। आज के दिन स्वर्ग से गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए यह महापुण्यकारी पर्व माना जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इन अवसरों पर गंगा नदी में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। गंगा दशहरा के दिन सभी गंगा मंदिरों में भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है तथा मोक्षदायिनी गंगा का पूजन-अर्चना किया जाता है। मान्यतानुसार गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि,यश-सम्मान तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए हम सभी को श्री गंगा दशहरा पर्व पर आस्था की डुबकी लगाते हुए धर्म कर्म और दान पुन्य अवश्य करना चाहिए

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