गाजियाबादःसंजयनगर के पी ब्लॉक में चल रही श्रीमद भागवत कथा का समापन रविवार को हवन से हुआ। हवन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुति देकर विश्व कल्याण की कामना की। कथा व्यास पंडित विष्णु दत्त सरस ने हवन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में हवन को शुद्धिकरण का एक कर्मकांड माना गया है। कहा जाता है कि पूजा-पाठ समेत कोई भी धार्मिक कार्य हवन के बिना अधूरा है। इसके जरिए आसपास की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं के प्रभाव को खत्म किया जाता है। साथ ही ग्रह दोष से भी मुक्ति मिलती है। पूजा किसी भी देवी-देवता की क्यों ना हो, हवन के बिना वह पूरी नहीं होती है। हवन की परम्परा सदियों से चली आ रही है और इसका उल्लेख रामायण और महाभारत में भी किया गया है। अग्नि के जरिए ईश्वर की उपासना करना ही हवन है। हवन से वास्तु दोष भी दूर होते हैं। हवन से जो धुआँ निकलता है उससे वायुमंडल शुद्ध होता है।हवन करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है क्योंकि इसमें लगभग 94 प्रतिशत हानिकारक जीवाणु नष्ट करने की क्षमता होती है। कथा के मुख्य यजमान प्रवीन शर्मा, प्रदीप शर्मा, दीपिका व मधु ने कथा को सफल बनाने के लिए सभी श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। वात्सलय शर्मा, डॉ रिशेष शर्मा, अंशु दीक्षित, अलका, दया, पिंकी, कौशल, मुन्नी, विमलेश आदि ने भी सहयोग दिया।
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