कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षाविद राम दुलार यादव ने कहा कि रजक समाज में पैदा हुए बाबा गाडगे की शिक्षा-दीक्षा न के बराबर थी, लेकिन वे विद्वान, वैज्ञानिक थे| उन्होने शिक्षा और चिकित्सा, स्वच्छता, स्वावलंबन के लिए जन-जन में जागरण पैदा किया, किसी प्रकार के दुर्व्यसन के विरोधी बाबा नशा मुक्ति के लिए भी लगातार लोगों को जागरूक करते रहे, बाबा मंदिर में कभी नहीं गये, मूर्तिपूजा के घोर विरोधी थे।उन्होने धर्मशालाएँ, आश्रम, अस्पताल, स्कूल, छात्रावास बनवाए, प्रसूति गृह, कुष्टधाम, गोशालाओं का निर्माण करवाया, उन्होने 31 शिक्षण संस्थान स्थापित किये, स्वच्छता अभियान, जन-सेवा मिशन बाबा का मूल मंत्र था, गाँव में स्वच्छता के लिए ग्राम वासियों को तैयार किया, तथा कहा कि जब तक किसान, वंचित, दलित जातियाँ ईश्ववर, आत्मा, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नरक के भ्रम में रहेगी उनका भला नहीं होने वाला, पाखंडियों का तब तक साम्राज्य रहेगा, जब तक जनता मानसिक गुलाम रहेगी| हमें दासता से मुक्ति ड़ा0 बाबा साहेब अम्बेदकर के संविधान से ही मिल सकती है|
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे- अंशु ठाकुर, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, मोहम्मद अली, हरिशंकर वर्मा, आर0पी0सिंह, पातीराम पंकज, देव नाथ भारती, नीरज चौहान, छेदीलाल, राजपाल यादव, इंद्रजीत सिंह, देवमन यादव, राज कुमार, जय भगवान, फ़ौजुद्दीन, एस0एन0 अवस्थी, यासीन मुखिया, द0 देवकर्ण चौहान, ओम प्रकाश अरोड़ा, सतीश कुमार, सुरेन्द्र यादव, संजीव चौहान, आशीष गुप्ता, साहिल चौधरी, रोहन कर्दम, एस0एन0 जायसवाल, डी0के0 सिंह, राम प्यारे यादव, इलियास प्रधान, श्याम नारायण, एस0पी0 छिब्बर, सहदेव गिरि, धर्मेंद्र यादव, कैलाश चंद, पावन कुमार, नवीन कुमार, गौरव महरोलिया आदि|
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