गाजियाबाद,। स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रीहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) के तत्वावधान में एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल के सहयोग से कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी में मंगलवार को निजी चिकित्सालयों की कार्यशाला हुई | सूबे में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का संचालन कर रही साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने निजी चिकित्सालयों की भ्रांतियां दूर करने का प्रयास किया। कार्यशाला में दो दर्जन से अधिक निजी चिकित्सालयों के संचालक और प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर सीईओ ने जनहित में निजी चिकित्सालयों को योजना से जुड़ने की अपील की। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भवतोष शंखधर ने भी योजना के बारे में विस्तार से बताया। कार्यशाला की आयोजक और यशोदा हॉस्पिटल की प्रबंध निदेशक (एमडी) उपासना अरोड़ा ने कहा- “आयुष्मान भारत योजना से आबद्ध होने में न केवल निजी चिकित्सालयों बल्कि मरीजों की भी भलाई है क्योंकि हम चिकित्सा जैसे पेशे से जुड़े हैं तो भलाई के काम करना भी हमारी जिम्मेदारी बन जाती है।” अस्पताल के सीएमडी डा. पीएन अरोड़ा ने कार्यशाला में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, सीईओ संगीता सिंह और सीएमओ डा. भवतोष शंखधर का स्वागत किया। कार्यशाला में एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल से हिमानी, मनीषा और प्रियंका पाठक का विशेष सहयोग रहा। संगीता सिंह ने बताया – वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से सूबे के 1.18 करोड़ परिवारों को प्रति परिवार पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष का हेल्थ कवर दिया गया था। 2019-20 में मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत आर्थिक रूप से कमजोर 8.43 लाख परिवारों को हेल्थ कवर दिया गया। 2020-21 में अन्त्योदय योजना के 40.79 लाख लाभार्थी परिवार और योजना से जोड़े गए। 2021-22 में श्रम कार्ड धारक 11.65 लाख परिवार और 2022-23 में राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स के 20.65 लाख परिवार भी योजना से कवर किए गए। इतना ही नहीं नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत 3.16 करोड़ और परिवारों को भी जल्द योजना के तहत हेल्थ कवर दिए जाने की योजना है। इसके बाद सूबे की 70 प्रतिशत आबादी हेल्थ कवर प्राप्त कर चुकी होगी। इस प्रकार हम आयुष्मान भारत योजना के जरिए यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की ओर बढ़ रहे हैं।संगीता सिंह ने बताया - आयुष्मान भारत योजना में पूरा काम पारदर्शिता के साथ ऑनलाइन होता है। सूबे में साढ़े चार वर्षों में योजना के तहत 18 लाख रोगियों को भर्ती कर 2100 करोड़ रुपए का उपचार उपलब्ध कराया गया है। योजना से सूबे में 3317 चिकित्सालय आबद्ध हैं, इनमें से 2200 निजी और 1117 सरकारी चिकित्सालय हैं। 2100 करोड़ में से 90 प्रतिशत (1600 करोड़) का भुगतान चिकित्सालयों को कर दिया गया है, हमारा लगातार प्रयास है कि यह आंकड़ा इससे और बेहतर हो। क्लेम करने के एक माह में चिकित्सालय को भुगतान कर दिया जाता है, हम प्रयास करते हैं कि चिकित्सालय के क्लेम का 15 दिन में ही भुगतान हो जाए। सूबे में ढाई करोड़ आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं-
सीईओ, साचीज ने बताया - सूबे में एक करोड़ लाभार्थी परिवार और ढाई करोड़ लाभार्थी आयुष्मान कार्ड बनवा चुके हैं। सभी लाभार्थियों को समय रहते आयुष्मान कार्ड बनवा लेना चाहिए लेकिन फिर भी यदि कोई ऐसा लाभार्थी है जो आयुष्मान कार्ड नहीं बनवा सका है और बीमार हो जाता है तो वह आधार कार्ड और परिवार की पहचान के लिए कोई दस्तावेज देकर तत्काल आयुष्मान कार्ड बनवा सकता है। योजना से आबद्ध हर चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड बनाए जाते हैं।
एनएबीएच एक्रेडेटेट चिकित्सालयों को 15 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान
संगीता सिंह ने बताया - योजना से आबद्ध एनएबीएच एक्रेडेटेड चिकित्सालयों को योजना के लाभार्थी का उपचार करने पर 15 प्रतिशत अधिक भुगतान किया जाता है। जो चिकित्सालय योजना से आबद्ध होते समय एनएबीएच से एक्रेडेटेड नहीं हैं और बाद में भी एनएबीएच प्राप्त करके भी यह लाभ पाने के हकदार हो जाते हैं।
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अच्छे चिकित्सालयों को ग्रीन चैनल फंडिंग
जिन चिकित्सालयों के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं वह योजना से आबद्ध होकर ग्रीन चैनल फंडिंग का लाभ उठा सकते हैं। इस व्यवस्था के तहत चिकित्सालयों को क्लेम करने के साथ ही तत्काल क्लेम की गई राशि का 50 प्रतिशत भुगतान कर दिया जाता है। बाकी का 50 प्रतिशत भुगतान निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर अधिकतम एक माह में दिया जाता है।
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ट्रांसप्लांट भी योजना में शामिल किए गए
संगीता सिंह ने बताया - आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किडनी, कान्क्लियर और बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी किया जाता है। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य और पेन मैनेजमेंट के लिए पैलेटिव केयर को भी कवर किया गया है। इसके अलावा 1251 जनरल सर्जरी और 696 मेडिकल पैकेज योजना में शामिल किए गए हैं। विशेषज्ञों के साथ मिलकर पैकेज तैयार किए गए हैं लेकिन फिर भी कुछ छूट जाता है तो उसके लिए भी एक कॉलम है - अनस्पेसीफाइड, जिसके तहत चिकित्सालय क्लेम कर सकते हैं। किसी दस्तावेज के अभाव में यदि क्लेम रुक जाता है तो दस्तावेज बाद में भी उपलब्ध कराये जा सकते हैं।
पूरे देश में कहीं भी पा सकते हैं उपचार :
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी पूरे देश में कहीं भी उपचार पा सकते हैं, लेकिन प्रयास यह किया जा रहा है कि लाभार्थी को उपचार के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े। ऐसा करने पर उसे आने जाने का खर्च वहन करना पड़ता है। इसके लिए योजना के साथ अधिक से अधिक चिकित्सालयों को आबद्ध किया जा रहा है।
जनपद गाजियाबाद में योजना की स्थिति
लाभार्थी परिवार - 166466
आयुष्मान लाभार्थी - 776503
आयुष्मान कार्ड - 204906
लाभ प्राप्त कर चुके लाभार्थी - 17228
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