हर्ष ईएनटी अस्पताल के डायरेक्टर और सीनियर ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि 24 दिसंबर को उनके पास शहादरा की रहने वाली संतोष शर्मा (55) को लाया गया था। संतोष की नाक बंद थी और भारीपन था। यह समस्या उन्हें बुखार होने के बाद शुरु हुई थी। संतोष के परिजनों ने बताया कि लगभग 12 दिन पहले उन्हें बुखार हुआ था और कोरोना जांच नहीं करवाई थी। दवाओं से बुखार तो सही हो गया, लेकिन उसके बाद से नाक बंद थी। डॉ. त्यागी ने बताया कि अस्पताल में जांच के दौरान संतोष की शुगर बहुत ज्यादा बढ़ी हुई मिली और फंगस के लक्षण मिले थे, जिनकी पुष्टि के लिए उनकी जांच करवाई गई। जांच में संतोष की नाक में ब्लैक और वाइट दोनों तरह की फंगस की पुष्टि हुई है। डॉ. त्यागी ने बताया कि फंगस काफी फैल चुका है और उन्हें ऑपरेशन के साथ ही एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के कोर्स भी जरूरत है। फिलहाल परिजन उपचार के लिए महिला को दिल्ली के अस्पताल ले गए हैं।
--कोरोना खत्म नहीं हुआ है
डॉ. बीपी त्यागी का कहना है कि सरकारी स्तर पर हो रही जांच में कोरोना के मरीज नहीं मिल रहे हैं। जबकि बुखार के अधिकांश मरीजों में कोरोना के लक्षण होते हैं, लेकिन कोरोना के प्रभाव को खत्म मानते हुए लोग कोरोना जांच नहीं करवा रहे हैं। डॉ. त्यागी ने बताया कि उनके पास रोजाना इस तरह के मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए और कोरोना जांच जरूर करवानी चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस शरीर के प्रत्येक ऑर्गन पर प्रभाव डालता है और इससे बचने के लिए कोरोना का उपचार होना बेहद जरूरी है। संतोष भी कोरोना हुआ होगा, जिसकी वजह से शुगर बढ़ी होने के कारण उन्हें फंगस की समस्या हो गई।
# डा० बी पी त्यागी
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