मेरठ। सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मंत्री (श्री नरेन्द्र कश्यप जी) ने मेरठ आगमन पर मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरण कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि योगी सरकार सबका साथ, सबका विकास के सूत्र को लेकर उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्प है । इसी को दृष्टिगत रखते हुए मेरे द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगनजन सशक्तिकरण विभाग के दायित्व का सफलतापूर्वक निवर्हन किया जा रहा है।
उसी क्रम में आज जनपद मेरठ में स्पर्श राजकीय दृष्टिवाधित बालक इंटर कॉलेज मे दिव्यांगजनों को सशक्त करने हेतु 110 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरित की गयी। उ0प्र0 सरकार के द्वारा दिव्यांगजनों को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कई योजनाओं के द्वारा सशक्त किया जा रहा है व दिव्यांगजनों की सेवा ही मेरा संकल्प है। मा0 मंत्री, श्री नरेन्द्र कश्यप जी ने बताया कि उ0प्र0 सरकार के द्वारा दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अधिकतम योजनांए संचालित हैं, जो निम्नवत हैं- 1- दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना (दिव्यांग पेंशन)- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रू0 1009 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक धनराशि 554.85 करोड व्यय करते हुए प्रदेश के कुल 1119000 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
2- कुष्ठावस्था पेंशन योजना- इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रू0 39.50 करोड़ का आबंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रू0 18.44 करोड़ व्यय करते हुए 11771 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
3- कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 37.40 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रुपया 11.60 करोड़ का व्यय करते हुए प्रदेश के 8778 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
4- माननीय मुख्यमंत्री की घोषणान्तर्गत प्रदेश के समस्त संसदीय क्षेत्रों में 100-100 दिव्यांगजन को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दिये जाने की व्यवस्था है। इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 28.47 करोड़ का आवंटन जनपदों को आवंटित किया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक जनपदों द्वारा रुपया 2.68 करोड़ का व्यय करते हुए 811 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
5- दुकान निर्माण/संचालन योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.06 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष अब तक 23.10 लाख का व्यय करते हुए प्रदेश के 231 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। à
6- निःशुल्क बस यात्रा सुविधा योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 40 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रुपया 15.09 करोड़ का व्यय करते हुए प्रदेश के दिव्यांगजन को उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन बस निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
7- शल्य चिकित्सा अनुदान योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 6.39 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष 104 बच्चों के काक्लियर इम्पलान्ट हेतु रुपया 6.24 करोड़ तथा 154 बच्चों के करेक्टिव सर्जरी हेतु रुपया 15.40 लाख का आवंटन जनपदों को किया गया है।
डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ-
उत्तर प्रदेश में जनपद लखनऊ स्थित एशिया महाद्वीप का द्वितीय विश्वविद्यालय स्थापित है, जिसमें समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए तथा 25 प्रतिशत अन्य दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं। इस विश्वविद्यालय में क्रमशः कला एवं संगीत, विशेष शिक्षा, कम्प्यूटर एवं इनफारमेशन टेक्नोलाजी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य तथा विधि संकाय के अधीन समस्त पाठ्यक्रमों में लगभग 4000 छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं, जिसमें से 1000 दिव्यांग हैं। उ0प्र0 सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त स्ववित्त पोषित योजनान्तर्गत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के अधीन अभियांत्रिकी की पांच विधाओं का संचालन किया जा रहा है। 2022-23 में एम0टेक पाठ्यक्रम की दो विधाओं का भी आरम्भ कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश की ऐसी संस्थाओं को संबद्धता भी प्रदान करता है, जो भारतीय पुनर्वास परिसर, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम संचालित करती हैं। वर्तमान में 08 संस्थाएं/महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजन के शारीरिक सशक्तिकरण के दृष्टिगत कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजन को समुचित चिकित्सीय परामर्श एवं उनके अनुरूप कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं। अब तक इस विश्वविद्यालय द्वारा 1800 दिव्यांगजन को कृत्रिम सहायता उपकरण उपलब्ध कराये जा चुके हैं। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए अत्याधुनिक पुस्तकालय भी स्थापित है एवं दिव्यांगों के लिए ब्रेल पुस्तकों को उपलब्ध कराये जाने हेतु विश्वविद्यालय परिसर में ब्रेल-प्रेस भी स्थापित है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित संस्थाओं/संस्थानों में प्लेसमेण्ट सेल के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में 83 विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट कराया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशिष्ट स्टेडियम स्थापित ह। जिसमें पैरा बैडमिन्टन, दृष्टिबाधित क्रिकेट, एथेलेटिक्स गेम, बालीबाॅल जैसे खेलों एवं जिम की सुविधाएं दिव्यांगजन हेतु उपलब्ध हैं। हाल ही में 21 जून से 23 जून, 2022 तक 3 दिवसीय राज्य स्तरीय पैरा बैडमिन्टन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के 50 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रदेशभर से 4 दृष्टिबाधित क्रिकेट टीमों के लगभग 64 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
मा मंत्री जी प्राप्तकर्ता सभी दिव्यांजनों को शुभकामनाएं प्रेषित कर उनके उज्वल भविष्य की कामना करी ...ज्ड ट्राई साइकिल पाकर खिले दिव्यांजनो के चेहरे
मेरठ । सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने मेरठ आगमन पर मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरण कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि योगी सरकार सबका साथ, सबका विकास के सूत्र को लेकर उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कृत संकल्प है । इसी को दृष्टिगत रखते हुए मेरे द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं दिव्यांगनजन सशक्तिकरण विभाग के दायित्व का सफलतापूर्वक निवर्हन किया जा रहा है। उसी क्रम में आज जनपद मेरठ में स्पर्श राजकीय दृष्टिवाधित बालक इंटर कॉलेज मे दिव्यांगजनों को सशक्त करने हेतु 110 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल वितरित की गयी। उ0प्र0 सरकार के द्वारा दिव्यांगजनों को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कई योजनाओं के द्वारा सशक्त किया जा रहा है व दिव्यांगजनों की सेवा ही मेरा संकल्प है। मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने बताया कि उ0प्र0 सरकार के द्वारा दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अधिकतम योजनांए संचालित हैं, जो निम्नवत हैं-
1- दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना (दिव्यांग पेंशन)- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रू0 1009 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक धनराशि 554.85 करोड व्यय करते हुए प्रदेश के कुल 1119000 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
2- कुष्ठावस्था पेंशन योजना- इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रू0 39.50 करोड़ का आबंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रू0 18.44 करोड़ व्यय करते हुए 11771 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
3- कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 37.40 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रुपया 11.60 करोड़ का व्यय करते हुए प्रदेश के 8778 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है।
4- मुख्यमंत्री की घोषणान्तर्गत प्रदेश के समस्त संसदीय क्षेत्रों में 100-100 दिव्यांगजन को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राई साइकिल दिये जाने की व्यवस्था है। इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 28.47 करोड़ का आवंटन जनपदों को आवंटित किया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक जनपदों द्वारा रुपया 2.68 करोड़ का व्यय करते हुए 811 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
5- दुकान निर्माण/संचालन योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.06 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है जिसके सापेक्ष अब तक 23.10 लाख का व्यय करते हुए प्रदेश के 231 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया है। à
6- निःशुल्क बस यात्रा सुविधा योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 40 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक रुपया 15.09 करोड़ का व्यय करते हुए प्रदेश के दिव्यांगजन को उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन बस निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
7- शल्य चिकित्सा अनुदान योजना- इस योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में रुपया 6.39 करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष 104 बच्चों के काक्लियर इम्पलान्ट हेतु रुपया 6.24 करोड़ तथा 154 बच्चों के करेक्टिव सर्जरी हेतु रुपया 15.40 लाख का आवंटन जनपदों को किया गया है।
डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ-
उत्तर प्रदेश में जनपद लखनऊ स्थित एशिया महाद्वीप का द्वितीय विश्वविद्यालय स्थापित है, जिसमें समस्त पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं, इनमें से 25 प्रतिशत दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए तथा 25 प्रतिशत अन्य दिव्यांगजन के लिए आरक्षित हैं। इस विश्वविद्यालय में क्रमशः कला एवं संगीत, विशेष शिक्षा, कम्प्यूटर एवं इनफारमेशन टेक्नोलाजी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य तथा विधि संकाय के अधीन समस्त पाठ्यक्रमों में लगभग 4000 छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं, जिसमें से 1000 दिव्यांग हैं। उ0प्र0 सरकार के सहयोग से दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा, छात्रावास एवं भोजन की व्यवस्था विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी जाती है। इसके अतिरिक्त स्ववित्त पोषित योजनान्तर्गत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के अधीन अभियांत्रिकी की पांच विधाओं का संचालन किया जा रहा है। 2022-23 में एम0टेक पाठ्यक्रम की दो विधाओं का भी आरम्भ कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय द्वारा उत्तर प्रदेश की ऐसी संस्थाओं को संबद्धता भी प्रदान करता है, जो भारतीय पुनर्वास परिसर, नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम संचालित करती हैं। वर्तमान में 08 संस्थाएं/महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजन के शारीरिक सशक्तिकरण के दृष्टिगत कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना की गयी है, जिसका उद्देश्य दिव्यांगजन को समुचित चिकित्सीय परामर्श एवं उनके अनुरूप कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराये जाते हैं। अब तक इस विश्वविद्यालय द्वारा 1800 दिव्यांगजन को कृत्रिम सहायता उपकरण उपलब्ध कराये जा चुके हैं। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए अत्याधुनिक पुस्तकालय भी स्थापित है एवं दिव्यांगों के लिए ब्रेल पुस्तकों को उपलब्ध कराये जाने हेतु विश्वविद्यालय परिसर में ब्रेल-प्रेस भी स्थापित है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिष्ठित संस्थाओं/संस्थानों में प्लेसमेण्ट सेल के अन्तर्गत वर्ष 2021-22 में 83 विद्यार्थियों का प्लेसमेण्ट कराया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विशिष्ट स्टेडियम स्थापित ह। जिसमें पैरा बैडमिन्टन, दृष्टिबाधित क्रिकेट, एथेलेटिक्स गेम, बालीबाॅल जैसे खेलों एवं जिम की सुविधाएं दिव्यांगजन हेतु उपलब्ध हैं। हाल ही में 21 जून से 23 जून, 2022 तक 3 दिवसीय राज्य स्तरीय पैरा बैडमिन्टन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के 50 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रदेशभर से 4 दृष्टिबाधित क्रिकेट टीमों के लगभग 64 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
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