शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022

22 अक्टूबर को ही मनाएं धनतेरस का पर्वः आचार्य दीपक तेजस्वी, 23 अक्टूबर को प्रदोष काल शुरू होते ही खत्म हो जाएगी त्रयोदशी

 

 गाजियाबादः धनतेरस पर्व को लेकर इस बार शहर के लोग असमंजस में हैं। दो-दो दिन त्रयोदशी तिथि होने के कारण वे समझ नहीं पा रहे हैं कि धनतेरस का पर्व किस दिन मनाएं। आचार्य दीपक तेजस्वी ने लोगों के असंमजस को दूर करते हुए बताया कि त्रयोदशी तिथि भले ही 22 अक्टूबर व 23 अक्टूबर को पड रही है, मगर धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर को मनाना ही शास्त्र सम्मत है। आचार्य दीपक तेजस्वी ने बताया कि इस बार त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर की सांय 6.02 बजे से शुरू हो जाएगी और 23 अक्टूबर की शाम 23 अक्टूबर की सायं 6.03 पर समाप्त होगी। इसी से असमंजस की स्थिति बनी और लोग परेशान हैं कि धनतेरस 22 अक्टूबर को मनाएं या 23 अक्टूबर को मनाएं। धनतेरस का पर्व मनाते समय हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि यह पर्व त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में मनाया जाता है और 22 अक्टूबर को ही प्रदोष काल है। ऐसे में धनतेरस का पर्व 22 को मनाना ही शास्त्र सम्मत है। धनतेरस की खरीदारी 23 अक्टूबर की सायं 6 बजे तक की जा सकती है, मगर धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।

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