गाजियाबाद। आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि सुहागिनें किसी भी प्रकार के असमंजस में ना पडें। करवाचौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही मनाएं। आचार्य दीपक तेजस्वी ने कहा कि करवा चौथ का त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार 13 व 14 अक्टूबर दोनों को चतुर्थी है, मगर उदयातिथि 13 अक्टूबर को है क्योंकि उस दिन चतुर्थी तिथि रात 01 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी व अगले दिन 14 अक्टूबर को रात 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि 13 अक्टूबर को रहने से करवाचौथ का पर्व उसी दिन मनेगा। अतः सुहागिनों को करवाचौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखना चाहिए। 14 अक्टूबर को पंचमी की उदयातिथि होने से व्रत चतुर्थी का नहीं होगा। आचार्य दीपक तेजस्वी के अनुसार इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा के अपनी उच्च राशि वृष में रहने से सुहागिनों के लिए करवा चौथ का व्रत कई गुना शुभ परिणामलेकर आएगा। 13 अक्टूबर को जहां दिन में कृतिका नक्षत्र होगा, वहीं शाम 6.40 से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा, जिसे सुहागिनों के लिए परम सौभाग्य देने वाला माना गया है। करवाचौथ का व्रत सुबह 6.20 मिनट से रात्रि 8.09 मिनट तक चलेगा। व्रत की अवधि 13 घंटे 49 मिनट रहेगी।
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