गाजियाबाद। भाजपा नेता और मार्कण्डेय पशुपति अखाड़ा के महंत पंकज त्यागी साहिबाबाद कोतवाल द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर और धमकी भरे पत्र भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर गुरुवार की सुबह करीब 10:00 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए। उनके साथ मार्कण्डेय पशुपति अखाड़ा के महामंडलेश्वर सच्चिदानंद महाराज भी मौजूद रहे।
इस दौरान मांग की गई कि साहिबाबाद और कोतवाल को सस्पेंड किया जाए और धमकी भरे पत्र भेजने वालों के खिलाफ कारवाई की जाए। उधर, मामले की जानकारी मिलने के बाद साहिबाबाद क्षेत्राधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह मौके पर पहुंचे, क्योंकि मामला उनके सर्किल से जुड़ा था। पंकज त्यागी को समझा बुझाकर आमरण अनशन समाप्त करने का प्रयास किया गया, लेकिन व नहीं माने और उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार तीन बार से धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं। जिसमें उनका सर तन से जुदा करने की धमकी दी जा रही है
मामले में कार्रवाई करने की बजाय साहिबाबाद कोतवाल उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें कोई सुरक्षा नहीं दी गई है। जिसके चलते वह और उनके परिवार के लोग दहशत के दायरे में जी रहे हैं।
कहा गया कि साहिबाबाद कोतवाल माफी मांगे, तब कहीं जाकर आमरण अनशन समाप्त होगा अन्यथा वह अगले दिन यानी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आत्मदाह करेंगे। इसके बाद क्षेत्राधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने पंकज त्यागी और महामंडलेश्वर के कान में कुछ खुशरफुसर की एवं इसके बाद 3 घंटे में दोपहर करीब 1:00 बजे आमरण अनशन समाप्त हो गया। पंकज त्यागी ने बताया कि अधिकारियों ने उनसे कहा है कि कोतवाल उनसे माफ़ी मांगेंगे और धमकी भरा पत्र भेजने वालों वालों की सुराग रस्सी कर उनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इसके बाद उन्होंने पुलिस द्वारा दिया गया जूस पीकर आमरण अनशन समाप्त कर दिया। बता दें कि पंकज त्यागी श्याम पार्क एक्सटेंशन साहिबाबाद में रहते हैं। बीते दिनों पूर्व उनके घर में एक पत्र मिला था। जिसमें उनका सर तन से जुड़ा करने की धमकी दी गई थी। पत्र में लिखा था कि संदेश मिला की नहीं या दोबारा भेजें। इससे पहले भी दो बार पंकज त्यागी को धमकी भरे पत्र मिल चुके हैं। उधर लगातार धमकी भरे पत्र मिलने से पंकज त्यागी ने अपनी और परिवार के लोगों की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की है।
इस बीच पंकज त्यागी ने एक प्रेस वार्ता कर साहिबाबाद कोतवाल और एसएसपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि पुलिस उनकी एक साजिश के तहत हत्या करवा सकती है। कार्रवाई न होने पर आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी।
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