नई दिल्ली। सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने गुरुवार को शाम 6 बजे स्थानीय मान सिंह रोड स्थित होटल ताजमहल में संजीवनी-इंडिया हील्स 2022 के लिए पर्दा उठाने ( कर्टन रेजर कार्यक्रम) का आयोजन किया। पर्दा उठाने वाले इस बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम के प्रस्तावना के रूप में भारत को विश्वसनीय और समग्र स्वास्थ्य सेवा के एक गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण के दौरान विषय प्रवेश कराते हुए यशोदा हॉस्पिटल समूह, कौशाम्बी की सीएमडी डॉ उपासना अरोड़ा ने कहा कि हमारे देश में संजीवनी "जीवन शक्ति" का प्रतीक है जो किसी चीज को उसकी जीवन शक्ति, और अधिक शक्ति प्रदान करती है।
श्रीमती अरोड़ा ने सगर्व कहा कि इस क्षेत्र में भारत विश्व गुरु के रूप में पुनः स्थापित हो चुका है, क्योंकि दुनिया के सबसे अच्छे डॉक्टर भारतीय हैं और भारत अपेक्षाकृत सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाकर मानवता की बहुत बड़ी सेवा कर रहा है। अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान हमने यही महसूस किया। इस क्षेत्र को सुविधासम्पन्न बनाने के लिए और नई नई तकनीकों को बढ़ावा देने हेतु नीतिगत रूप से प्रोत्साहित करने के लिए हमलोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कायल हैं और आभारी भी।
गौरतलब है कि इंडिया हील्स "संजीवनी 2022" का तीसरा संस्करण वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और भारत सरकार द्वारा सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) के साथ साझेदारी में आयोजित और समर्थित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में चिकित्सा बिरादरी और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिग्गजों जैसे डॉ नरेश त्रेहन, सीएमडी, मेदांता अस्पताल, डॉ अरविंद लाल, प्रबंध निदेशक, लाल पैथ लैब्स, विशाल चौहान, आईएएस, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आदि ने इस पहल को सफल बनाने के लिए अपने ज्ञान और अपने विचारों को एक एक करके विस्तारपूर्वक साझा किया।
वहीं, सुनील एच. तलाती, अध्यक्ष एसईपीसी ने बताया कि एसईपीसी की प्रमुख घटना संजीवनी 2022 की पहचान की गई, जो स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में उत्सुक देशों के बीच निरंतर साझेदारी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी और भारत को चिकित्सा मूल्य यात्रा के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि पर्दा उठाने वाले इस प्रमुख कार्यक्रम को किक स्टार्ट करने का एक अवसर मिला था जो भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मौजूदा और नए उभरते बाजारों में विकास प्रक्षेपवक्र को बढ़ाने के लिए उपयुक्त रणनीति तैयार करने में मदद करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारत महामारी युग के बाद में अगला सबसे अच्छा चिकित्सा पर्यटन स्थल बन जाए।वहीं, एसईपीसी के वाइस चेयरमैन करण राठौर ने कहा कि, “संजीवनी का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में तेजी लाना और भारत को विश्व स्तर पर विश्वसनीय और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा के साथ एक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है। एसईपीसी की भूमिका इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक इको-सिस्टम प्रदान करना और सक्षम करना है और इस क्षेत्र को महामारी संकट के बाद वापस उछालने में मदद करना है। यह पर्दा उठाने वाला कार्यक्रम उसी की प्रस्तावना थी। वक्ताओं ने सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर महामारी के प्रभाव के संज्ञान में, वाणिज्य मंत्रालय के तहत सेवा निर्यात संवर्धन परिषद जुड़ाव बढ़ाने और उसमें तेजी लाने के लिए नवीन विचारों का प्रस्ताव कर रही है। जबकि संजीवनी में, केंद्रित खरीदार विक्रेता बैठकें 40 से अधिक देशों के हितधारकों को एक साथ लाएँगी। वे विश्वसनीय एनएबीएच/जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पतालों, कल्याण केंद्रों और आयुष केंद्रों से मिलेंगे।वक्ताओं के मुताबिक, विदेशी खरीदार भी भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के कौशल का प्रत्यक्ष अनुभव करने के लिए इन प्रतिष्ठानों का दौरा करेंगे। स्वास्थ्य देखभाल में पारंपरिक चिकित्सा को मुख्यधारा में लाना संजीवनी 2022 की दृष्टि है। दुनिया में नैतिक और अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को संजीवनी के माध्यम से मजबूत किया जाएगा।ड के आर बालाकृष्णन, डायरेक्टर इंस्टिट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट एंड मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट, एमजीएम हॉस्पिटल, चेन्नई ने विश्व के विभिन्न देशों से आए लोगों के भारत में हुए सफल हृदय एवं फेफड़ा प्रत्यारोपण के बारे में जानकारी दें.
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