सोमवार, 13 जून 2022

अग्निशमन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर, उद्यमियों ने फायर विभाग के अधिकारियों के स्थानांतरण की मांग सीएम से की*

 


नोएडा। प्रदेश के अग्निशमन विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। सबसे ज्यादा गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, मेरठ, बागपत आदि जिलों में तैनात फायर अफसर एनओसी के नाम पर जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण नोएडा में देखने को मिला है। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा  के जिला सुरेंद्र नाहटा ने मुख्यमंत्री सहित तमाम पुलिस व फायर विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार में लिप्त नोएडा में तैनात अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की ट्रांसफर की मांग की है

तबादला न होने पर नोएडा के अग्निशमन विभाग में उन अधिकारियों को अब तक ट्रांसफर नहीं किए गए जिन्होंने एनओसी के नाम पर लाखों रुपए डकार लिए और कामगारों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। इनमे वर्तमान में नियुक्त एफएसओ (फायर सेफ्टी आफिसर) सेक्टर 2 शामिल है और जिम्मेदारी मुख्य फायर ऑफिसर एवम् मेरठ में तैनात उप निदेशक की भी हैं। अत: अभी संस्था द्वारा की गई शिकायत पत्र संख्या एमएसएमई/671/22-23 दिनांक 1-6-2022 के अंतर्गत उपरोक्त अधिकारियों की जांच भी होनी अति आवश्यक है।

जीरो टालरेंस की सरकार में एक एफएसओ पर फर्जी तरीके से एनओसी जारी करने और लाखों रुपए के राजस्व का गबन करने के आरोप लगे है। और वह अब भी उसी डिपार्टमेंट में एक जिम्मेदार पद पर आसीन है। बता दे यहां एनओसी रिन्यू के नाम पर भी लाखों के वारे न्यारें किए गए। लेकिन कार्यवाही के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं किया गया। सुरेंद्र नाहटा ने बताया कि समाचार पत्रों से संज्ञान लिया गया तो जानाकरी आई कि करीब 1200 एनओसी संदिग्ध है। इसकी जिम्मेदारी किसकी है। 2019 में एक ही ईमेल आईडी के जरिए 55 एनओसी के लिए आवेदन। ये कार्य एफएसओ कुलदीप सिंह के समय हुए। उनको जेल भेजा गया। लेकिन उस घोटाले में शामिल अधिकारी को अब तक सरकारी पनाह मिली हुई है। इस स्थति में नोएडा में औद्योगिक गतिविधियां चालाना मुश्किल होता जा रहा है। आपको यह भी अवगत करा दे जब से संस्था की ओर से एफएसओ के काले कार्यो की जानकारी हाईकमान को दी गई तब से विभाग के अधिकारियों के द्वारा उद्यमियों के दस्तावेजों में कमी निकालकर उनको मानिसक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने संस्था के माध्यम से आग्रह है कि ऐसे अधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाकर इनकी जांच कराई जाए और तब तक इनको पूरे पश्चिमी उप्र में कही भी पोस्ट न किया जाए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें