गाजियाबाद। वैश्य सेवा संगठन (पंजी)गाजियबाद द्वारा अपना चतुर्थ परिचय सम्मेलन रविवार को बडी धूम धाम के साथ आई एम ए भवन राजनगर गाजियावाद में कोरोना नियमों का अनुपालन करते हुए मनाया गया ,जिसमें कोरोना में भीड को ध्यान में रखते हुए 160 पंजीकरण किये गये,पंजीकरण की संख्या का टारगेट निर्धारित था। इसलिए ज्यादा पंजीकरण नही किये गये लेकिन लोगों के फोन बराबर आ रहे थे कि हमारा पंजीकरण कर लो,और यह पंजीकरण आराम से 300तक हो सकते थे लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुये 160 पर ही बन्द करने पडे ।
यह जानकारी संगठन के अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने दी । उन्होंने बताया कि सम्मेलन में अभिभावकों ने बढ चढ़ कर अपने प्रत्यासी बच्चों के साथ भाग लिया,विशिष्ट अथिति के रूप में श्री मति ममता गुप्ता ने बच्चों को सम्बोधित किया ममता गुप्ता जी वरिष्ठ समाज सेविका अंब नशा मुक्ति अभियान की अध्यक्षा हैं,काफी लोग उनसे प्रेरित होकर नशा छोड रहे हैं,अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ,संरक्षक दिनेश अग्रवाल, संरक्षक श्री मति रानू वैश्य तायल,हापुड के वरिष्ठ समाज सेवी विजेन्द्र गर्ग एंव पिलखुआ से अनुपम जिन्दल,मुख्य संयोजक डी सी बंसल,महामन्त्री अनुराग अग्रवाल ने टीम के साथ महाराजा अग्रसेन जी चित्र पर मालाअर्पण कर दीम प्रज्वलित किया ।
यह सम्मेंलन ए सी ऑडिटोरियम में होता है ,रंगीन पुस्तक छ्पती है,बढिया भोजन की व्यवस्था होती है ,और ज्यादा एड भी नही लिए जाते हैं,अौर मान 1 लाख से भी कम खर्च में सम्मेलन होता है,तथा पूरी टीम का यथा योग्य सम्मान भी किया जाता है और सम्मस्त खर्च की व्यवस्था पदाधिकारीगण ही करते है,मंच पर आकर काफी बच्चों ने अपना परिचय दिया ,हमारी भगवान से प्रार्थना है कि जल्द से जल्द इन्हे अपने उचित जीवन साथी मिलें,एक बात और मेरा अपना अनुभव है कि मंच पर कोई रिश्ता तय नही होता है रिश्ते हमेशा सम्मेलन के बाद होते हैं क्योंकि आजकल बच्चे सिक्षित हैं सोंच समझकर ,परखकर रिश्ता करते है मैने कई सम्मेलन के बाद पेपर में पढ़ा कि 70 रिश्ते या50 रिश्ते हो गये जब लिस्ट मांगी जाती है तो कुछ नही होता है,सच्चाई भी यही है कि उस समय परिचय जरूर होते हैं लेकिन रिश्ते फाइनल नही होते ,जय अग्रसेन जी की
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