गाजियाबाद। नगर निगम ठेकेदारों द्वारा लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग करके ठेकेदार अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं। लाइनपार क्षेत्र में हो रहे अधिकतर निर्माण कार्यों में जमकर घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। इस सब खेल में निगम के कई अधिकारी भी शामिल हैं जो ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए घटिया सामग्री को पास कर रहे हैं।
जेई व एई साइटों का निरीक्षण करने की बजाए एसी कमरों में बैठकर ठेकेदारों के साथ मौजमस्ती कर रहे हैं। ताजा मामला बुधवार रात को उजागर हुआ है। कविनगर जोन कार्यालय में जेई व एक ठेकेदार शराब के नशे में धुत्त मिले। सूचना मिलने के बाद नगरायुक्त ने अपर नगरायुक्त को मौके पर भेजा जिसके बाद सारी सच्चाई सामने आई। ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला हो इससे पहले भी सरकारी कार्यालय में अधिकारी व कर्मचारी शराब पीते पाए गए जिसमें कुछ पर कार्रवाई हुई और कुछ मामले ऐसे ही रफा-दफा कर दिए गए।
निमार्ण कार्यों में नगर निगम द्वारा घटिया सामग्री लगाने पर कई घटनाएं सामने आ चुकी है। जिसमें कई लोग काल के ग्रस बन चुके हैं। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारियों ने आज तक कोई सबक नहीं लिया है। पिछले दिनों नगर निगम के ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री लगाए जाने पर 3 मजदूर की मौत हो गई थी एक मजदूर घायल हो गया था। ऐसा ही एक मामला फिर से विजयनगर वार्ड नंबर 27 में सामने आया है। नगर निगम द्वारा घटिया सामग्री से निर्माण कार्य कराया जा रहा था। तभी स्थानीय पार्षद ललित कश्यप की नजर नगर निगम द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिए बनाए जा रहे एक कमरा निर्माण पर पड़ी। उन्होंने बताया कि गर्ग नामक ठेकेदार निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहा था। जिस पर ठेकेदार से जमकर कहासुनी हुूई और निर्माण कार्य रोकने की मांग पार्षद ने की।
पार्षद ललित कश्यप ने निगम अधिकारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जेई, एई ऐसी कमरे में बैठे हैं और उन्हे नगर निगम द्वारा निर्माण कार्यों पर नजर नहीं पड़ रही। जिससे निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। नगर निगम के निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर पर भी सवाल उठाए। पार्षद ने कहा कि कहा कि घटिया सामग्री का प्रयोग करने से ही मुरादनगर शमशान घाट की घटना घटी थी और उसके बाद विजय नगर प्रताप विहार में घटना घटी अगर इसी तरह निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री लगती रही तो वह दिन दूर नहीं होगा जब तीसरी घटना नगर निगम वार्ड नंबर 27 में घटेगी। नगर निगम के अधिकारियों को एक बड़े हादसे का इंतजार है। उन्होंने कहा कि यही हाल वार्डों में भी है। नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। पार्षद का कहना है कि वह महापौर व नगरायुक्त को अवगत कराएंगे। जिससे ऐसी में बैठे अधिकारी फील्ड में पहु:ंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण करें ताकि ठेकेदारों पर भय व्याप्त हो। इसके अलावा कैलाशनगर में पिछले दो माह से ठेकेदार ने रोडी डालकर छोड़ दी जिससे लोगों के आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। कांशीराम योजना में प्राथमिक विद्यालय में हो रहे निर्माण कार्य में भी घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। अकबर-बहरामपुर व लाइनपार क्षेत्र के वार्डों में नाला निर्माण, इंटरलोकिंग टाइल्स, सड़कों में डेंस बिछाने का कार्य आदि में जमकर घटिया सामग्री का पयोग किया जा रहा है। कुछ जगह पार्षदों की सांठगांठ से ठेकेदार इन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
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