सीलिंग ध्वस्तिकरण की कार्यवाही के बावजूद बिल्डर खेल को बढावा देने में व्यस्त
-प्रवर्तन प्रभारियों पर अवैध निर्माण को देखने का वक्त नहीं
गजियाबाद। जनाब ये लाइनपार के सुदामा पुरी के लक्ष्मीबिहार कालोनी है। कहने के लिए ये एरिया गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जीडीए के जोन पाच अंतर्गत आता है। और गौर सिटी के पास है इसके कारण बिल्डरों के होसले बुलंद है मजे की बात ये है कि पिछले दो सालों के भीतर टाउन शिप में कई बार सीलिंग की कार्रवाई की गई,लेकिन सीलिंग की पटटी को ठेकेदारों के द्वारा ठिकाने लगा दिया गया।
विजय नगर थाने में इस बीच एपफआईआर भी दर्ज करायी गई,लेकिन प्रवर्तन प्रभारी पर ये देखने के लिए शायद वक्त नहीं है कि उनके जोन सीमा क्षेत्र में क्या कुछ चल रहा है। टाउनशिप निर्माण का खेला पिछले दोे सालों से जबरदस्त तरीके से चल रहा है। जीडीए उपाध्यक्ष पद पर कंचन वर्मा के कार्यकाल के दौरान मामला सुर्खियों में आने के बाद उस दौरान संबंधित बिल्डरों के खिलाफ पुलिस में एपफआईआर तथा सीलिंग की कार्रवाई के साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का दावा किया गया,बताते है कि तमाम कार्रवाई को ठेंगा दिखाते हुए बिल्डर टाउन शिप निर्माण के अधूरे काम को पूरा करते हुए देखे जा सकते है। बताते है कि जीडीए अधिकारियों के द्वारा अवैध निर्माण के मामले को समय रहते गंभीरता से न लेने के परिणाम स्वरूप टाउनशिप के एक बडे हिस्से में परिवार भी आकर बस गए है। जानकार बताते है कि अवैध निर्माण को बढावा देने के बदले में चूंकि एक मोटी रकम की प्राप्ति होती है,इसी लिए अवैध निर्माण के मामलों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। बताते है कि इसी तरह अवैध निर्माण अकबरपुर बहरामपुर में यूनियन रेजिडेन्सी,सिदार्थ विहार के डूब क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है,बल्कि हिंडनपार के कनावनी से लगे डूब क्षेत्र में भी कालोनाइजर के द्वारा नदी के क्षेत्र. के हिस्से को बचा जा रहा है। नदी के हिस्से में दो हजार से ज्यादा भवनों का निर्माण किया जा चुका है। आधा दर्जन से ज्यादा फार्म हाउस बनाए गए है। बताते है कि प्रवर्तन जोन छह के अधिकारी भी कनावनी में नदी के हिस्से को बेचे जाने से लगता है कि बेखबर है। बताते है कि प्रवर्तन जोन छह में जिस सहायक अभियंता की तैनाती की गई है,उसके द्वारा भी अवैध निर्माण को बढावा दिया जा रहा है। प्रवर्तन जोन छह में तैनाती मिलने के बाद सहायक अभियंता जमकर अवैध निर्माण के खेल को बढावा दे रहे है।
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